नेशनल डेस्क: सड़कें भारत की लाइफलाइन हैं। रोजाना लाखों गाड़ियों ने इन सड़कों पर दौड़ती हैं। इन्हीं सड़कों पर देश की आर्थिकी भी टिकी है। उद्योगों के लिए कच्चा माल और तैयार माल इन्ही सड़कों के जरिए बाजारों तक पहुंचता है। इसके अलावा रोजाना हजारों लोग सड़कों से सफर करते हैं।
फाइल फोटो
सड़कों का इतना महत्व होने के बाद भी देश में इनकी हालत खस्ता है। अक्सर हमे राष्ट्रीय और राज्य मार्गों पर सड़कों पर बड़े बड़े गड्ढे देखने को मिलते हैं। सड़कों की खराब हालत के चलते रोजाना कई लोग हादसों का शिकार हो जाते हैं। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय का कहना है कि वर्ष 2019 और 2020 में क्रमश: 4,775 और 3,564 दुर्घटनाएं गड्ढों के कारण हुईं।
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आंकड़ों पर गौर करें तो 2019 के मुकाबले 2020 में इन घटनाओं में कमी आई है। 2016, 2017, 2018 और 2019 में गड्ढों के कारण सड़क दुर्घटनाओं की कुल संख्या क्रमशः 6424, 9423, 4869 और 4775 थी।
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अगस्त 2021 में सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने संसद में कहा था कि उनके मंत्रालय ने चार कारकों के आधार पर सड़क सुरक्षा के मुद्दे को संबोधित करने के लिए एक बहु-आयामी रणनीति (multi-pronged strategy) बनाई है जिसमें शिक्षा, सड़कों और गाड़ियों दोनों की इंजीनियरिंग, एनफोर्समेंट और आपातकालीन देखभाल शामिल है।