एयरफोर्स की शक्ति बढ़ी, वायुसेना को सौंपा गया तेजस विमान

By  Arvind Kumar May 28th 2020 12:58 PM

नई दिल्ली। भारतीय वायु सेना (आईएएफ) ने वायु सेना स्टेशन सुलूर में तेजस एमके-1 एफओसी विमान को हाल ही में पुनर्जीवित किए गए नंबर 18 स्‍क्‍वैड्रन, जो कि "फ्लाइंग बुलेट" के नाम से जाना जाता है, में शामिल किया। यह भारतीय वायु सेना की परिचालन क्षमता को बढ़ाने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम है। इस तरह के विमान को शामिल करने वाला भारतीय वायुसेना का यह पहला स्क्वैड्रन है।

यह देश के स्वदेशी लड़ाकू विमान कार्यक्रम में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर भी है और 'मेक इन इंडिया' पहल को भी बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी है। तेजस एमके-1 एफओसी एक एकल इंजन, हल्के वजन, बेहद चुस्त, सभी मौसम में बहु-भूमिका निभाने वाला लड़ाकू विमान है। हवा से हवा में ईंधन भरने में इसकी सक्षमता इसे वाकई एक बहुमुखी प्लेटफॉर्म बनाती है।

इस स्क्वैड्रन का संचालन वायुसेना प्रमुख (सीएएस), एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने किया। इस अवसर पर, एचएएल के सीएमडी द्वारा वायुसेना प्रमुख को तेजस एफओसी संस्करण के विमान दस्तावेज प्रस्तुत किया जाना उल्लेखनीय रहा। जिसके बाद, वायुसेना प्रमुख ने यूनिट के लिए औपचारिक चाबियों के साथ इन विमानों को 18 स्‍क्‍वैड्रन के कमांडिंग ऑफिसर ग्रुप कैप्टन मनीष तोलानी को सुपुर्द किया। इस कार्यक्रम की शुरुआत, एक विमान-परेड के साथ हुई, जिसमें एमआई 17 वी 5 का निर्माण और एएलएच, एएन-32 परिवहन विमान और तेजस एमके-1 लड़ाकू विमान भी शामिल हुए।

TEJAS FOC AIRCRAFT HANDED OVER TO THE IAFTEJAS FOC AIRCRAFT HANDED OVER TO THE IAFबता दें कि 18 स्‍क्‍वैड्रन का गठन, 15 अप्रैल 1965 को अंबाला में फोलैंड जीनेट एयरक्राफ्ट के साथ किया गया था। भारतीय वायु सेना के एकमात्र परमवीर चक्र विजेता, फ्लाइंग ऑफिसर निर्मलजीत सिंह सेखों, 1971 के भारत-पाक युद्ध के दौरान इस स्‍क्‍वैड्रन का हिस्सा थे। इस स्‍क्‍वैड्रन को एचएएल निर्मित दो एयरक्राफ्ट, तेजस और अजीत का संचालन करने का भी अनूठा गौरव प्राप्त है, जिसका उसने एक ही स्टेशन से संचालन किया था। इन वर्षों में, इसने देश भर के विभिन्न एयरबेसों से मिग-27 एमएल विमानों का भी संचालन किया है। इस स्‍क्‍वैड्रन को अप्रैल 2016 में नंबर प्लेटेड किया गया था। यह स्‍क्‍वैड्रन, दक्षिणी वायु कमान के परिचालन नियंत्रण में आता है, जो कि इस स्‍क्‍वैड्रन को भारतीय वायु सेना के परिचालन की अवधारणा में एकीकृत करने के लिए उत्तरदायी है।

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