सेहत के लिए सुरक्षित नहीं इस तरह के टूथपेस्ट, साबुन और डिओडोरेंट

By  Arvind Kumar December 26th 2020 02:22 PM

नई दिल्लीट्राइक्लोसन युक्त टूथपेस्ट, साबुन और यहां तक कि डिओडोरेंट जैसे उत्पादों का उपयोग खतरे से खाली नहीं है। भारतीय शोधकर्ताओं के एक ताजा अध्ययन में पता चला है कि टूथपेस्ट, साबुन और डिओडोरेंट जैसे दैनिक उपयोग से जुड़े उत्पादों में प्रयुक्त बैक्टीरिया और सूक्ष्मजीव प्रतिरोधी एजेंट ट्राइक्लोसन मनुष्य के तंत्रिका-तंत्र को प्रभावित कर सकता है।

Toothpaste Side Effects सेहत के लिए सुरक्षित नहीं इस तरह के टूथपेस्ट, साबुन और डिओडोरेंट

शोधकर्ताओं का कहना है कि स्वीकृत सीमा के भीतर भी ट्राइक्लोसन का उपयोग नियमित रूप से किया जाए तो स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है। यह अध्ययन भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), हैदराबाद के शोधकर्ताओं द्वारा किया गया है।

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शोधकर्ताओं का कहना है कि भारत में ट्राइक्लोसन के उपयोग की स्वीकृत सीमा 0.3 प्रतिशत है। हालांकि, स्वीकृत सीमा से 500 गुना कम ट्राइक्लोसन भी मानव तंत्रिका तंत्र को नुकसान पहुँचा सकता है। इस अध्ययन से संबंधित शोध निष्कर्ष शोध पत्रिका केमोस्फीयर में प्रकाशित किए गए हैं।

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शोधकर्ताओं ने कहा है कि ट्राइक्लोसन बहुत छोटी खुराक में लिया जा सकता है। लेकिन, दैनिक उपयोग की वस्तुओं में इसकी मौजूदगी अत्यंत खतरनाक हो सकती है। यह अध्ययन जेबराफिश पर किया गया है, जिसकी प्रतिरक्षा क्षमता मनुष्य के समान होती है।

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इस अध्ययन से जुड़ीं प्रमुख शोधकर्ता डॉ अनामिका भार्गव ने कहा है कि “हमें पता चला है कि सूक्ष्म मात्रा में ट्राइक्लोसन न केवल न्यूरोट्रांसमिशन में शामिल जीन्स और एंजाइमों को प्रभावित कर सकता है, बल्कि यह न्यूरॉन्स को भी नुकसान पहुँचा सकता है, और जीवों के मोटर फंक्शन को प्रभावित कर सकता है।”

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