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कुरुक्षेत्र। हरियाणा सरकार ने कोरोना महामारी के कारण कुरुक्षेत्र और पिहोवा जैसे तीर्थ स्थलों पर, 17 सितंबर, 2020 को अमावस्या के दौरान भक्तों के इकट्ठा करने पर प्रतिबंध लगा दिया है। पिहोवा धर्मनगरी के सरस्वती तीर्थ पर अमावस्या के दिन हरियाणा, पंजाब, दिल्ली व आस-पास के राज्यों से हजारों लोग पूजा अर्चना के लिए आते हैं। इस समय कोरोना महामारी ने पूरे विश्व को प्रभावित किया है और कुरुक्षेत्र के साथ-साथ पिहोवा में भी कोरोना का संक्रमण फैल चुका है।
इस कोरोना के संक्रमण से लोगों को बचाने के लिए प्रशासन ने 17 सितंबर, 2020 को अमावस्या के दौरान भक्तों के इकट्ठा करने पर प्रतिबंध लगा दिया। किसी भी श्रद्धालु को पिहोवा सरस्वती तीर्थ पर पूजा-पाठ, कर्मकांड करने की इजाजत नहीं दी जाएगी। प्रशासन ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि सभी लोग अपने-अपने घरों में ही रहकर ही पूजा-पाठ करें और पिहोवा सरस्वती तीर्थ पर पूजा अर्चना और कर्मकांड के लिए नहीं आएं।
शास्त्रों में पिहोवा तीर्थ के महत्व का वर्णन करते हुए कहा गया है कि पिहोवा तीर्थ पर आकर, जो भी अपने पितरों का पिंड दान करता है या फिर उनका श्राद्ध मनाता है, उस पर से पितृ दोष हटने के साथ-साथ उसकी सारी मनोकामनाएं भी पूरी होती हैं। पिहोवा में कई बड़े राजा-महाराजाओं का श्राद्ध मनाया जा चुका और उनके वंशजों द्वारा पिंडदान भी कराया जा चुका है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अमावस्या को सभी पितरों व अज्ञात पितरों का श्राद्ध किया सकता है। अमावस्या पर पिहोवा में अपने सभी पितरों का एकसाथ श्राद्ध करने वालों की बहुत भीड़ जमा हो जाती है। ऐसे में प्रशासन ने एहतियातन यह कदम उठाया है।
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