गुरु ग्रंथ साहिब की दुर्लभ प्रतिलिपि को संग्रहालय के बजाय गुरुद्वारे में रखने की मांग
नई दिल्ली। पाकिस्तान में सिख समुदाय के लोग संग्रहालय में प्रदर्शित की गई गुरु ग्रंथ साहिब की पुरानी और दुर्लभ प्रतिलिपि को गुरुद्वारा डेरा साहिब के अंदर रखना चाहते हैं। पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (PSGPC) के पूर्व प्रमुख सरदार बिशन सिंह ने कहा कि इसे किसी भी सामान्य किताब की तरह एक कोठरी में नहीं रखा जा सकता है। सरदार बिशन सिंह ने सुझाव दिया कि संग्रहालय को दुर्लभ ग्रंथ को गुरुद्वारे में स्थानांतरित करना चाहिए या समुदाय के एक सदस्य को पवित्र ग्रंथ की देखभाल करने के लिए रखना चाहिए जैसा कि सिख रीति-रिवाजों द्वारा निर्धारित है। उन्होंने कहा कि वह पीएसजीपीसी की अगली बैठक के एजेंडे में यह मांग रखेंगे। वहीं समुदाय के एक वरिष्ठ सदस्य ने कहा कि इसे गुरुद्वारे के अंदर रखा जाना चाहिए। बता दें कि पाकिस्तान में सिख धर्म की मजबूत जड़ें हैं। सिख धर्म के कुछ सबसे पवित्र स्थल पाकिस्तान में स्थित हैं, जिनमें गुरु नानक देव जी का अंतिम विश्राम स्थल भी शामिल है। कुछ अनुमानों के अनुसार, यह प्रतिलिपि तीन सौ साल पुरानी है। शोधकर्ता अलिजा सबा रिजवी का कहना है कि हालांकि इस पर कोई तारीख नहीं है, लेकिन लेखन और स्याही से पता चलता है कि यह तीन सौ साल से अधिक पुराना है। रिजवी ने कहा, "यह गुरु ग्रंथ साहिब की एक दुर्लभ प्रति है।" शोधकर्ता ने बताया कि पवित्र ग्रंथ की एक समान प्रति भारत के स्वर्ण मंदिर में भी है। ---PTC NEWS---