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मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की बैठक में हुए शामिल

Written by  Vinod Kumar -- August 07th 2022 06:08 PM
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की बैठक में हुए शामिल

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की बैठक में हुए शामिल

शिमला: मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर आज नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित नीति आयोग की बैठक में शामिल हुए। बैठक में कृषि उत्पादन एवं फसल विविधीकरण में आत्मनिर्भर होने, राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन और नगर निकाय प्रशासन जैसे मामलों पर विस्तृत चर्चा की गई। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा सभी जिलों में 1010 करोड़ रुपये की फसल विविधीकरण योजना क्रियान्वित की जा रही है और मशरूम की खेती विशेषकर शिटाके और ढींगरी किस्मों को बढ़ावा देने के लिए बजट का प्रावधान किया गया है। गत साढ़े चार वर्षों के दौरान प्रदेश के 31,584 बागवानों को राज्य प्रायोजित योजनाओं के अन्तर्गत कवर किया गया है, जबकि 4.15 लाख बागवानों को केंद्र प्रायोजित योजनाओं के तहत लाभान्वित किया गया है। सीएम ने कहा कि किसानों की आय को दोगुना करने के लिए 3590 ग्राम पंचायतों को प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना के अन्तर्गत लाया गया है और किसानों ने रासायनिक खाद की जगह प्राकृतिक खाद को अपनाकर लगभग 9.75 करोड़ रुपये की बचत की है। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक कृषि उत्पाद बेचने के लिए दिल्ली और चंडीगढ़ के अलावा प्रदेश भर में 10 विक्रय केंद्र स्थापित किए गए हैं। सीएम जयराम ठाकुर ने प्रधानमंत्री से हाल ही में घोषित स्वयं प्रभा के तहत कुल 200 चैनलों में से हिमाचल प्रदेश को 5 टीवी चैनल आवंटित करने का आग्रह किया। यह उच्च गुणवत्ता वाले शैक्षिक कार्यक्रमों का प्रसारण करेंगे। उन्होंने बताया कि राज्य में प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च विद्यालयों का सकल नामांकन अनुपात शत-प्रतिशत है, जबकि वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों के मामले में यह 85.6 प्रतिशत है। CM Jairam, PM Modi Shimla rally, pm modi, shimla, himachal उन्होंने कहा कि यदि वरिष्ठ माध्यमिक स्तर पर तकनीकी संस्थानों को जोड़ दिया जाए तो यह अनुपात 98.8 प्रतिशत हो जाता है। राज्य के 14 कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में बालिकाओं को शिक्षा एवं निःशुल्क आवासीय सुविधा के अलावा कौशल शिक्षा प्रदान की जा रही है। राज्य में शिक्षा डेटाबेस का डिजिटिकरण किया जा रहा है और डिजिटल मोड में उच्च गुणवत्ता वाली अध्ययन सामग्री तैयार करने के लिए शिक्षकों की क्षमता का विकास किया जा रहा है।


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