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christmas 2021: जानिए कौन थे सैंटा क्लॉज, कैसे करते थे लोगों की मदद

Written by  Vinod Kumar -- December 20th 2021 12:54 PM
christmas 2021: जानिए कौन थे सैंटा क्लॉज, कैसे करते थे लोगों की मदद

christmas 2021: जानिए कौन थे सैंटा क्लॉज, कैसे करते थे लोगों की मदद

christmas 2021: क्रिसमस आने वाला है। इस दिनों बच्चों से लेकर बूढ़ों तक को सैंटा क्लॉज (santa claus) से गिफ्ट (gifts) का इंतजार रहता है। लाल कपड़ों में सैंटा क्लॉज आता है और थैले में जरूरतमंदों और बच्चों को कई तरह के गिफ्ट्स बांटता है। पर क्या आप जानते हैं कि सैंटा क्लॉज का गिफ्ट देने का प्रचलन कहां से शुरू हुआ। इस बारे में कई कथाएं प्रचलित हैं। कहा जाता है कि एक बार संत निकोलस (saint nicholas) को मायरा के एक ऐसे व्यक्ति के बारे में जानकारी मिली, जो बहुत धनवान था, लेकिन कुछ समय पहले व्यापार में भारी घाटा हो जाने से वह कंगाल हो चुका था। उस व्यक्ति की चार बेटियां थी, लेकिन उनके विवाह के लिए उसके पास कुछ नहीं बचा था। यहां तक कि उसके परिवार के लिए तो खाने के भी लाले पड़े थे। [caption id="attachment_560036" align="alignnone" width="300"]christmas 2021  christmas santa claus, क्रिसमस 2021, सैंटा क्लाज, कौन थे सैंटा क्लॉज  कॉन्सेप्ट इमेज[/caption] जब उससे अपने परिवार की इतनी बुरी हालत देखी न गई और लड़कियां विवाह योग्य हो गई तो उसने फैसला किया कि वह इनमें से एक लड़की को बेच देगा और उससे मिले पैसे से अपने परिवार का पालन-पोषण करेगा और बाकी बेटियों का विवाह करेगा। अगले दिन अपनी एक बेटी को बेचने का विचार करके वह रात को सो गया, लेकिन उसी रात संत निकोलस उसके घर पहुंचे और चुपके से खिड़की में से सोने से सिक्कों से भरा एक बैग घर में डालकर चले गए। सुबह जब उस व्यक्ति की आंख खुली और उसने सोने के सिक्कों से भरा बैग खिड़की के पास पड़ा देखा तो वह बहुत आश्चर्यचकित हुआ कि यह बैग यहां कहां से आया? उसने आसपास चारों तरफ देखा, लेकिन उसे कहीं कोई दिखाई नहीं दिया तो उसने ईश्वर का धन्यवाद करते हुए बैग अपने पास रख लिया और एक-एक कर धूमधाम से अपनी चारों बेटियों की शादी की। बाद में उसे पता चला कि यह बैग संत निकोलस ही उसकी बेटियों की शादी के लिए उसके घर छोड़ गए थे। [caption id="attachment_560037" align="alignnone" width="300"]christmas 2021  christmas santa claus, क्रिसमस 2021, सैंटा क्लाज, कौन थे सैंटा क्लॉज  कॉन्सेप्ट इमेज[/caption] क्रिसमस के दिन कुछ देशों में ईसाई परिवारों के बच्चे रात के समय अपने-अपने घरों के बाहर अपनी जुराबें सुखाते भी देखे जा सकते हैं। इसके पीछे मान्यता यह है कि सैंटा क्लॉज रात के समय आकर उनकी जुराबों में उनके मनपसंद उपहार भर जाएंगे। इस बारे में भी एक कथा प्रचलित है। कहा जाता है कि एक बार संत निकोलस ने देखा कि कुछ गरीब परिवारों के बच्चे आग पर सेंककर अपनी जुराबें सुखा रहे हैं। जब बच्चे सो गए तो सैंटा क्लॉज ने उनकी जुराबों में सोने की मोहरें भर दी और चुपचाप वहां से चले गए। हर व्यक्ति के प्रति निकोलस के हृदय में दया भाव और जरूरतमंदों की सहायता करने की उनकी भावना को देखते हुए मायरा शहर के समस्त पादरियों, पड़ोसी शहरों के पादरियों और शहर के गणमान्य व्यक्तियों के कहने पर मायरा के बिशप की मृत्यु के उपरांत निकोलस को मायरा का नया बिशप नियुक्त किया गया था क्योंकि सभी का यही मानना था कि ईश्वर ने निकोलस को उन सभी का मार्गदर्शन करने के लिए ही भेजा है। [caption id="attachment_560038" align="alignnone" width="300"]christmas 2021  christmas santa claus, क्रिसमस 2021, सैंटा क्लाज, कौन थे सैंटा क्लॉज  कॉन्सेप्ट इमेज[/caption] बिशप के रूप में निकोलस की जिम्मेदारियां और बढ़ गई। एक बिशप के रूप में अब उन्हें शहर के हर व्यक्ति की जरूरतों का ध्यान रखना होता था। जहां भी कोई व्यक्ति परेशानी में होता, निकोलस उसी क्षण वहां पहुंच जाते और उसकी जरूरतों को पूरा कर उसके धन्यवाद का इंतजार किए बिना ही दूसरे जरूरतमंद की जरूरतें पूरी करने आगे निकल पड़ते। वह इस बात का खासतौर पर ख्याल रखते कि शहर में हर व्यक्ति को भरपेट भोजन मिले, रहने के लिए अच्छी जगह तथा सभी की बेटियों की शादी धूमधाम से सम्पन्न हो। यही कारण था कि निकोलस एक संत के रूप में बहुत प्रसिद्ध हो गए और न केवल आम आदमी बल्कि चोर-लुटेरे और डाकू भी उन्हें चाहने लगे। उनकी प्रसिद्धि चारों ओऱ फैलने लगी और जब उनकी प्रसिद्धि उत्तरी यूरोप में भी फैली तो लोगों ने आदरपूर्वक निकोलस को 'क्लॉज' कहना शुरू कर दिया। कैथोलिक चर्च ने उन्हें 'संत' का ओहदा दिया था, इसलिए उन्हें 'सेंट क्लॉज' कहा जाने लगा। यही नाम बाद में 'सेंटा क्लॉज' बन गया, जो वर्तमान में 'सैंटा क्लॉज' के नाम से प्रसिद्ध है। निकोलस के देहांत के बाद उनकी याद में एशिया का सबसे प्राचीन चर्च बनवाया गया, जो आज भी 'सेंट निकोलस चर्च' के नाम से विख्यात है, जो ईसाई तथा मुसलमानों दोनों का सामूहिक धार्मिक स्थल है।


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