कोरोना वैक्सीन ट्रायल के लिए नहीं मिल रहे लोग, कैसे समय पर आएगी वैक्सीन?
नई दिल्ली। कोरोना वायरस के लगातार बढ़ रहे मामलों के चलते अब सबकी नजरें कोरोना वैक्सीन पर टीकी हैं। भारत में बनी पहली कोरोना वैक्सीन कोवैक्सीन (Covaxin) का फेज 1 ट्रायल 15 जुलाई से शुरू हो चुका है। पटना स्थित एम्स, पीजीआई रोहतक और दिल्ली स्थित एम्स में COVAXIN का ह्यूमन ट्रायल चल रहा है। लेकिन सूत्रों से जानकारी मिल रही है कि ट्रायल के लिए पटना स्थित एम्स में लोग नहीं मिल रहे हैं। ऐसे में ट्रायल के रिजल्ट आने में देरी हो सकती है। क्योंकि ट्रायल के लिए निश्चित लोगों की संख्या होना जरूरी है। इस मुश्किल वक्त में लोगों को आगे आना चाहिए और ट्रायल के लिए वालंटियर बनना चाहिए। कोई भी स्वस्थ व्यक्ति इस ट्रायल में हिस्सा ले सकता है। ट्रायल के दौरान वालंटियर पर डॉक्टरों द्वारा निगरानी रखी जाती है, इसलिए घबराने की जरूरत नहीं है। पटना स्थित एम्स में कोरोना वैक्सीन के दूसरे ट्रायल की तैयारी चल रही है। एम्स प्रशासन ने कोरोना वैक्सीन के ट्रायल के लिए शनिवार को वाट्सऐप नंबर जारी किया है। जो लोग ह्यूमन ट्रायल कराना चाहते हैं वो 9471408832 पर अपना नाम पता, आधार कार्ड, उम्र भेज सकते हैं, 24 घंटे के अंदर एम्स उनसे संपर्क करेगा। जानकारी के अनुसार कोवैक्सीन के ट्रायल दो चरण में होंगे जिसमें पहले फेज में 18 साल से लेकर 55 साल की उम्र तक के लोंगों पर वैक्सीन का ह्यूमन ट्रायल होगा जबकि दूसरे फेज में 12 साल से लेकर 65 साल तक के लोगों पर ट्रायल किया जाएगा। गौर हो कि आईसीएमआर और भारत बायोटेक ने मिलकर कोवैक्सीन को बनाया है। कोरोना वैक्सीन Covaxin का फेज 1 ट्रायल की शुरूआत 15 जुलाई 2020 से शुरू हुआ था। सबसे पहले एम्स पटना में इसके ट्रायल की शुरूआत की गयी थी। ---PTC NEWS---