नारनौल के सरकारी स्कूलों में पहली-पांचवी कक्षा के छात्रों को नहीं मिली किताबें, बच्चों को हो रही परेशानी
हरियाणा सरकार शिक्षा के क्षेत्र में सुधार की बातें करते नहीं थकती। शिक्षा में सुधार के लिए हरियाणा सरकार ने कई स्कूलों को मॉडल संस्कृति स्कूल का दर्जा भी दिया, लेकिन इसके विपरीत हालात कुछ ऐसे हैं कि इन स्कूलों में नए शिक्षा सत्र के तकरीबन 4 महीने बीतने के बाद तक बच्चों के लिए किताबें उपलब्ध नहीं हो पाई है। नारनौल की विभिन्न स्कूलों में छात्रों को पहली और पांचवी कक्षा की किताबें मिल चुकी हैं, लेकिन 2,3 व 4 कक्षा की किताबें अब तक छात्रों को उपलब्ध नहीं हो पा रही है। इनमें सरकार के मॉडल संस्कृति स्कूल भी शामिल हैं, जहां पर बच्चों को किताबें नहीं मिल पाई है। अध्यापकों ने बताया कि जिन कक्षाओं को किताब नहीं मिली हैं। वहां पुरानी किताबें बच्चों को उपलब्ध करवाई गई हैं। पूरे मामले जिला शिक्षा अधिकारी सुनील दत्त ने बताया कि कक्षा एक,पांच और छठी के बच्चों को सभी किताबें मिल चुकी हैं। जिन बच्चों को किताबें नहीं मिली है उनकी शिक्षा प्रभावित ना हो इसके लिए हमने पुरानी किताबें उपलब्ध करवा रखी हैं और अगले हफ्ते तक हमारे जिले का टेंडर हो जाएगा। इसके बाद सभी को जल्द ही किताबें उपलब्ध करा दी जाएंगी। बरहाल अब जो भी हो शिक्षा के क्षेत्र में सरकार के दावे हवा हवाई नजर आने लगे हैं। ऐसे में सवाल यह उठता है कि बगैर शिक्षा सामग्री के बच्चे कैसे पढ़ेंगे और कैसे आगे बढ़ेंगे। आखिर कब तक इन बच्चों को किताबें मिल पाएंगी और यह अपनी शिक्षा सुचारू रूप से ग्रहण करेंगे।