तीसरी लहर के खतरे से लोग खुद करें अपना बचाव, सरकार के भरोसे रहने की ना करें भूल: सैलजा
चंडीगढ़: हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी सैलजा ने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर के संभावित खतरे से बचने के लिए प्रदेश के लोगों को खुद ही सावधानी बरतते हुए अपने लिए इंतजाम करने होंगे। कोई भी व्यक्ति सरकार के भरोसे रहने की भूल न करें। ट्रिपल इंजन की इस सरकार को लोगों के जान-माल की कोई परवाह नहीं है, इसे सिर्फ मार्केटिंग करनी आती है। कुमारी सैलजा ने कहा कि अभी तक प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग ने भी किसी तरह की अतिरिक्त तैयारी नहीं की है। मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा कि प्रदेश सरकार के दो इंजन बीजेपी और जजपा हैं तो तीसरा इंजन इनकी ही केंद्र सरकार है। इन तीनों के पास अपनी खुद की मार्केटिंग के अलावा कोई अन्य काम नहीं बचा है। इस मार्केटिंग के चक्कर में ही प्रधानमंत्री ने राष्ट्र के नाम संबोधन कर अचानक से उपलब्ध बेड की संख्या को गिनना शुरू कर दिया, लेकिन उन्हें यह ध्यान नहीं रहा कि जब तीसरी लहर पीक पर होगी तो लोगों को दूसरी लहर की तरह बेड भी उपलब्ध नहीं हो पाएंगे। [caption id="attachment_544242" align="alignnone" width="300"] फाइल फोटो[/caption] कुमारी सैलजा ने कहा कि देश की जितनी आबादी है, उस लिहाज से बेड की उपलब्धता नहीं हो पाई है। जो बेड की संख्या बताई गई, उसमें सरकारी अस्पतालों के साथ ही निजी अस्पतालों व नर्सिंग होम के बेड भी शामिल हैं। इससे साफ है कि कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए कोई तैयारी सरकारी स्तर पर नहीं की गई हैं। ऐसे में लोगों को चाहिए कि वे कोरोना की तीसरी लहर से बचने के लिए खुद ही सतर्क व जागरूक रहें और जरूरी सावधानी बरतें। [caption id="attachment_507363" align="alignnone" width="300"] फाइल फोटो[/caption] कुमारी सैलजा ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर में जो मंजर प्रदेश में नजर आया था, उसे देखते हुए प्रदेश सरकार ने बड़ी-बड़ी घोषणाएं की थी, जो आज तक पूरी नहीं हुई हैं, जबकि ओमिक्रोन के मामले देश-प्रदेश और आसपास के इलाकों में तेजी से बढ़ रहे हैं। इसके साथ ही ब्लैक फंगस के कई मामले पिछले दिनों अकेले पीजीआई रोहतक में ही पहुंच चुके थे। [caption id="attachment_505682" align="alignnone" width="300"] फाइल फोटो[/caption] हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि अप्रैल-मई महीने में कोरोना की दूसरी लहर के बीच हुई भारी जनहानि से भी प्रदेश सरकार ने कोई सबक नहीं लिया है। इसी वजह से अभी तक प्रदेश के सरकारी अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र आज भी ऑक्सीजन के मामले में आत्मनिर्भर नहीं हो पाए हैं। अस्पतालों में ऑक्सीजन बेड, आईसीयू, वेंटिलेटर की कमी को पूरा नहीं किया जा सका है।