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भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार के दौरान हुआ करोड़ों का वित्तीय नुकसान , CAG की रिपोर्ट में सनसनीखेज खुलासा !

CAG ने रिपोर्ट में कहा है कि सरकार में राजस्व से जुड़े ऐसे कई फैसले लिए गए, जिससे सरकार को नुकसान हुआ, जैसे इसमें कुछ चीजें टैक्स फ्री कर दी गईं, अवैध शराब की पेनल्टी नहीं वसूली गई

Reported by:  PTC News Desk  Edited by:  Baishali -- March 11th 2025 10:41 AM
भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार के दौरान हुआ करोड़ों का वित्तीय नुकसान , CAG की रिपोर्ट में सनसनीखेज खुलासा !

भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार के दौरान हुआ करोड़ों का वित्तीय नुकसान , CAG की रिपोर्ट में सनसनीखेज खुलासा !

ब्यूरो: हरियाणा की पिछली भाजपा-जननायक जनता पार्टी गठबंधन सरकार में 1103 करोड़ 94 लाख रुपए के राजस्व का नुकसान का खुलासा हुआ है। ये खुलासा CAG की रिपोर्ट में किया गया है, जिसके मुताबिक वित्तीय वर्ष 2021-22 की रिपोर्ट में बिक्री कर, राज्य उत्पाद शुल्क, स्टैंप शुल्क और पंजीकरण फीस में हानि हुई है। 104 यूनिट के 2,552 मामलों की जांच में यह गड़बड़ी सामने आई। 1077 मामलों में 643.07 करोड़ रुपए की कमियां खुद विभागों ने स्वीकार की हैं।


CAG ने रिपोर्ट में कहा है कि सरकार में राजस्व से जुड़े ऐसे कई फैसले लिए गए, जिससे सरकार को नुकसान हुआ,  जैसे इसमें कुछ चीजें टैक्स फ्री कर दी गईं, अवैध शराब की पेनल्टी नहीं वसूली गई, निजी फर्मों को रजिस्ट्री में 3 करोड़ की छूट दी गई। इसके अलावा गलत दर से पंजीकरण करने की वजह से भी करोड़ों का नुकसान हुआ।

ये हैं वो 7 गड़बड़ियां जो CAG ने निकाली हैं:

CAG की रिपोर्ट में सरकार के रेवेन्यू कलेक्शन पर सवाल उठाए गए हैं। CAG के मुताबिक, वित्त वर्ष के दौरान टैक्स निर्धारण संस्थाओं ने कुछ वस्तुओं पर टैक्स लगाने के बजाय उन्हें टैक्स फ्री कर दिया, जिससे राजस्व को करीबन 5 करोड़ का नुकसान हुआ। इसके अतिरिक्त सरकार को 4 करोड़ 77 लाख रुपए का ब्याज भी कम मिला।

रिपोर्ट में टैक्स निर्धारण करने वाले जिम्मेदारों ने वित्तीय वर्ष के दौरान टैक्स निर्धारण भी गलत तरीके से किया। इस दौरान जहां 36 करोड़ 61 लाख का टैक्स निर्धारण होना चाहिए था, वहां टैक्स प्राधिकरणों ने करीब 28 करोड़ निर्धारित किया। इससे सरकार को करीबन एक करोड़ कम टैक्स मिला। उत्पाद शुल्क कलेक्शन पर भी CAG ने सवाल उठाए।

CAG ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि अवैध शराब के लिए अपराधियों से पेनल्टी वसूलने, लाइसेंस फीस और ब्याज वसूलने में पहल नहीं की गई। इसके चलते सरकारी राजस्व को साढ़े 7 करोड़ का नुकसान हुआ। जमीन की खरीद-फरोख्त में स्टैंप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन फीस अनियमितताओं के कारण सरकार को 26 करोड़ रुपए कम राजस्व मिला।

रजिस्ट्री अथॉरिटी ने मार्केट कमेटी गुरुग्राम, गुरुग्राम महानगर विकास प्राधिकरण और उत्तर हरियाणा बिजली प्रसारण निगम लिमिटेड को सरकारी संस्था मानते हुए स्टैंप ड्यूटी में 3.11 करोड़ रुपए की गलत तरीके से छूट दी।

कई नगर पालिकाओं की सीमा के अंदर आने वाले 1 हजार वर्ग गज से कम के प्लॉटों की 14 बिक्री मामलों में आवासीय भूमि के बजाय कृषि भूमि की दरों से स्टैंप फीस ली गई। इससे राजस्व को 57 लाख स्टाफ ड्यूटी का नुकसान हुआ।

50 मामलों में किसानों को स्टैंप ड्यूटी में छूट की अनुमति दी गई। जबकि वे मुआवजे या फिर व्यवसायिक प्लॉट खरीदे गए थे। ये प्लॉट हरियाणा सरकार के नवंबर 2010 में जारी आदेश के अनुसार नहीं थे। इससे राजस्व को एक करोड़ 61 लाख रुपए के कम शुल्क और पंजीकरण फीस का नुकसान हुआ।

- With inputs from agencies

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