हिमाचल की बेटी एवरेस्टर बलजीत कौर ने दी मौत को मात, नेपाल के माउंट अन्नपूर्णा से मिली जिंदा
ब्यूरो : मंगलवार को, 27 वर्षीय भारतीय पर्वतारोही बलजीत कौर, जिन्होंने सोमवार को पूरक ऑक्सीजन के बिना माउंट अन्नपूर्णा को फतह किया था। वह जीवित पाई गईं। वह शिखर बिंदु से नीचे उतरते समय कैंप IV के पास से लापता हो गई थी। एक हवाई खोज दल का संचालन करते हुए उसे कैंप IV के ऊपर पाया गया और उसे कैंप की ओर अकेले उतरते देखा गया।

अभियान के आयोजक, पायनियर एडवेंचर को यह कहते हुए उद्धृत किया गया था कि वे उसे उच्च शिविर के ऊपर से एयरलिफ्ट करने के लिए एक लंबी-लाइन बचाव करने की तैयारी कर रहे थे। इससे पहले कि खोज दल उसे पाता, बलजीत कौर ने 'तत्काल मदद' के लिए एक रेडियो सिग्नल भेजने में कामयाबी हासिल की। उसके जीपीएस स्थान ने 7,375 मीटर (24,193 फीट) की ऊंचाई का संकेत दिया। आपको बता दें कि प्रमुख भारतीय महिला पर्वतारोही ने सोमवार को शाम करीब सवा पांच बजे दो शेरपा गाइडों के साथ माउंट अन्नपूर्णा पर चढ़ाई की थी।
पहले सामने आई थी मौत की खबर
आपको बता दें कि इससे पहले बलजीत कौर की मौत की खबर सामने आ रही थी। लेकिन शव ना मिलने के कारण कोई भी अधिकारी इसकी पुष्टि नहीं कर रहा था। हालांकि हिमाचल प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री कर्नल धनी राम शांडिल ने ट्वीट कर मौत की जानकारी दी थी। आपको बता दें कि इससे पहले बीतेे सोमवार को राजस्थान के रहने वाले 36 वर्षीय पर्वतारोही अनुराग मालू की भी मौत हो गई थी। अब तक इस कैंप में तीन पर्वतारोही की मौत हो चुकी है। जिसमें भारत के अनुराग मालू और बलजीत कौर के साथ आयरलैंड के नोएल हन्ना शामिल हैं।

कौन है बलजीत कौर ?
आपको बता दें कि बलजीत कौर हिमाचल प्रदेश के जिला सोलन की कंडाघाट के गांव पंजरोल की रहने वाली हैं । बलजीत के पिता का नाम अमरीक सिंह है जो एचआरटीसी में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। उनकी माता शांति देवी जो गृहिणी हैं। इसके अलावा बलजीत के तीन भाई- बहन हैं। जब वह 20 साल की थी तो उन्हें माउंट देव टिब्बा के एनसीसी अभियान के लिए चुना लिया गया था। 27 साल की उम्र में बलजीत ने 8 हजार मीटर की ऊंचाई पर चढ़कर पहली महिला पर्वतारोही बनी। इसके अलावा दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर भी तिरंगा लहराकर एक और रिकार्ड अपने नाम किया था।
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