Nambi Narayanan ISRO Spy Case: इसरो (indian space research organisation) के पूर्व वैज्ञानिक नंबी नारायणन के जासूसी मामले सीबीआई ने शुक्रवार को केरल हाई कोर्ट में बताया कि उनकी गिरफ्तारी अवैध थी। नंबी नारायणन पर भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम की जानकारी लीक करने के आरोप मनगढ़ंत थे। उन्हें एक झूठे जासूसी मामले में फंसाया गया था।
केरल हाईकोर्ट में इसरो (ISRO) जासूसी कांड में साजिश रचने के आरोपियों की गिरफ्तारी पूर्व जमानत याचिका पर सुनवाई हो रही थी। सीबीआई ने कोर्ट में आरोपियों की जमानत का विरोध करते हुए कहा कि नंबी को जासूसी मामले में फंसाना एक संदिग्ध अंतरराष्ट्रीय षड्यंत्र था। आरोपियों की हिरासत में पूछताछ जरूरी है, इसलिए उन्हें अग्रिम जमानत नहीं मिलनी चाहिए।
जासूसी कांड के समय नंबी नारायण इसरो में लिक्विड प्रोपेलेंट इंजन वैज्ञानिक ((Liquid propellant engine scientist)) थे और उन्हें जासूसी कांड में फंसाया गया था और ये संदिग्ध अंतरराष्ट्रीय साजिश का हिस्सा था। इस दावे के समर्थन में मंगलवार को केस डायरी जारी की जाएगी।
बता दें कि इसरो के पूर्व वैज्ञानिक नंबी नारायणन को एक झूठे जासूसी मामले में फंसाया गया था। आरोप था कि उन्होंने मालदीव के एक नागरिक के जरिये पाकिस्तान को क्रायोजेनिक इंजन तकनीक बेची थी। 1998 में सीबीआई अदालत और सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया था। साथ ही उन्हें मुआवजा देने के लिए भी कहा गया था। हालांकि, इस दौरान उन्होंने सहयोगी वैज्ञानिक डी. शशिकुमार और चार अन्य लोगों के साथ 50 दिन जेल में बिताए। उनके जेल जाने से भारत का क्रायोजेनिक इंजन प्रोग्राम काफी पीछे चला गया था।
नंबी ने अपनी किताबों में आरोप लगाया है कि अब जिन साजिशकर्ताओं की जांच की जा रही है, वो भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रमों को रोकने के लिए अमेरिकी जासूसी एजेंसी, केंद्रीय जांच एजेंसी (CIA) के साथ मिलकर काम कर रहे थे। नंबी नारायणन की निजी जिंदगी पर रॉकेट्री नाम की बॉलीवुड फिल्म भी बन चुकी है। इस फिल्म में आर माधवन मुख्य भूमिका में नजर आए थे।
बता दें कि नारायणन ने अपने करियर में विक्रम साराभाई, सतीश धवन और एपीजे अब्दुल कलाम के साथ काम किया। साल 2019 में नारायणन को सरकार ने भारत के तीसरे सबसे प्रतिष्ठित पद्म भूषण पुरस्कार से भी नवाजा गया।
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