
हिसार। हरियाणा की प्रमुख फसलों में से एक सरसों की फसल के लिए की हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय ने नई वैरायटी विकसित की है। ये फसल किसानों को जहां पहले के मुकाबले बम्पर फसल देगी वहीं इसकी गुणवत्ता भी पहले वाली वैरायटी से काफी बेहतर है।
एचएयू ने आरएस 725 नाम की एक नई वैरायटी जारी की है जो न सिर्फ रोग प्रतिरोधक वैरायटी है बल्कि ये शुष्क इलाकों के साथ पानी वाले इलाकों में भी अधिक उत्पादन देने में सक्षम है।
इस संबंध में विश्वविद्यालय के वीसी प्रो. समर सिंह ने कहा कि ये नई किस्म पहले वाली किस्मों से काफी फायदेमंद है। एचएयू में डिपार्टमेंट ऑफ जेनेटिक्स एंड प्लांट ब्रीडिंग के वैज्ञानिकों ने हमेशा से ही फसलों की उत्तम वैरायटी विकसित करता रहा है।
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इस नयी किस्म के लिए भी वैज्ञानिकों ने काफी मेहनत की है। सरसों की इस नयी किस्म की वैरायटी विकसित करने में खास तौर पर ये ध्यान रखा गया है कि ये मानव शरीर के स्वास्थ्य के लिए लाभदायक रहे।
एचएयू में डिपार्टमेंट ऑफ जेनेटिक्स एंड प्लांट ब्रीडिंग के ऑयल सीड्स विभाग के प्रमुख डॉ. राम अवतार ने बताया कि नई किस्म में पौधे की कम ऊंचाई में ही फलियों की संख्या काफी अधिक रहती है। इस किस्म में खास ध्यान रखा गया है कि सरसों का सिलिका व दाना मोटा हो। ये किस्म लगाकर किसान काफी खुश होंगे।