shivratri2022: आज देशभर में महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जा रहा है। शिव मंदिरों में सुबह से भीरी भीड़ लगी है। लोग मंदिरों में भगवान शिव की कृपा पाने के लिए रुद्राभिषेक कर रहे हैं। शिव के रुद्राभिषेक का विधान है। इस बार महाशिवरात्रि पर्व पंचग्रही योग मकर राशि पर बन रहा है। इसके साथ ही मकर राशि पर चंद्रमा, मंगल, बुध, शुक्र और शनि की युति बन रही है, ऐसा संयोग प्राय: 65 वर्ष बाद प्राप्त हो रहा है।
शिवदेव की तपस्या एवं पूजा अर्चना करके कठिन से कठिन कार्य सरल हो जाते हैं और समस्त प्रकार के ग्रह आदि बाधाओं से भी मुक्ति पा सकते हैं। राशिवार रुद्राभिषेक करके समस्त बाधाओं से मुक्ति मिल सकती है। जिन लोगों की राशि का ज्ञान नहीं है वह लोग अपनी कामना के अनुसार भी रुद्राभिषेक करा सकते हैं।

इसमें दूध से अभिषेक कराने पर पुत्र की प्राप्ति, गन्ने से अभिषेक कराने पर यश की प्राप्ति, मधु से अभिषेक कराने पर लक्ष्मी की प्राप्ति, दधि से वाहन की प्राप्ति, कुश से पितृ दोष का निवारण, तीर्थ जल से मोक्ष की प्राप्ति, जल से अभिषेक कराने पर ज्वर की शांति होती है।

माना जाता है कि इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था।वैसे तो हर महीने शिवरात्रि मनाई जाती है लेकिन फाल्गुन मास की चतुर्थी तिथि को आने वाली महाशिवरात्रि का खास महत्व होता है।ऐसे में महाशिवरात्रि के दिन कुछ उपाय करने से धन, परिवार समेत कई समस्याओं से मुक्ति मिल सकती हैं।आइए जानते हैं महाशिवरात्रि पर पूजा मुहूर्त का समय और पूजन विधि
महाशिवरात्रि पूजा का मुहूर्त (Mahashivratri 2022 Puja Muhurat)
महाशिवरात्रि मंगलवार, मार्च 1, 2022 को
निशिता काल पूजा समय - 12:08 Am से 12:58 Am, 02 मार्च
शिवरात्रि पारण समय - 06:45 Am, मार्च 02
महाशिवरात्रि पूजन विधि (Mahashivratri Pujan Vidhi)
महाशिवरात्रि की विधि-विधान से विशेष पूजा रात्रि काल में होती है।हालांकि भक्त चारों प्रहर में से अपनी सुविधानुसार यह पूजन कर सकते हैं।साथ ही महाशिवरात्रि के दिन रात्रि जागरण का भी विधान है।इस दिन मिट्टी के पात्र या तांबे के लोटे में जल, मिश्री, कच्चा दूध डालकर शिवलिंग पर चढ़ाना चाहिए।इसके बाद शिवलिंग पर बेलपत्र, आंकड़े के फूल, चावल आदि अर्पित करना चाहिए।
चारों पहर की पूजा का मुहूर्त (Mahashivratri char pahar ki puja)
महाशिवरात्रि पर भगवान शिव की चार पहर की पूजा का विधान है।ऐसा कहा जाता है कि इस दिन शिवजी को चारों पहर पूजने से सारी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं।महाशिवरात्रि पर पहले पहर की पूजा मंगलवार को शाम 6.21 से 9.27 बजे तक होगी।फिर रात को 9.27 से 12.33 बजे तक दूसरे पहर की पूजा होगी।इसके बाद बुधवार को रात 12.33 से 3.39 बजे तक तीसरे पहर की पूजा होगा।अंत में रात 3.39 से सुबह 6.45 तक चौथे पहर का पूजन होगा।
महाशिवरात्रि के उपाय (Mahashivratri Ke Upay)
शीघ्र विवाह का उपाय- अगर आपकी लंबे समय से शादी नहीं हो पा रही है या विवाह में कोई ना कोई अड़चने आ रही हैं तो महाशिवरात्रि के दिन शिवलिंग पर केसर मिला हुई दूध चढ़ाएं।
मानसिक शांति के लिए- जल में काले तिल मिलाकर शिवलिंग का अभिषेक करें और "ओम नमः शिवाय" मंत्र का जाप करें।इससे मन को शांति मिलेगी।