पलवल में हुआ रजिस्ट्री घोटाला, सरकार को लगाया करोड़ों का चूना
पलवल/गुरुदत्त गर्ग: जिले में एक बार फिर रजिस्ट्री घोटाला सामने आया है। नियमों का उल्लंघन कर रात के अंधेरे में एक ही नो ड्यूज सर्टिफिकेट (NDC ) पर एनसीआर के 14 लोगों के नाम रजिस्ट्री कर दी गई। अधिकारियों की मिलीभगत से सरकार को करोड़ों रुपए के राजस्व का नुकसान हुआ है।
घोटाले को लेकर जिला विजिलेंस समिति के चेयरमैन और अतिरिक्त उपायुक्त हितेश कुमार मीणा ने पलवल के नायब तहसीलदार को नोटिस जारी कर 2 दिन में जवाब मांगा है। इस तरह की अन्य रजिस्ट्रियों का भी ब्यौरा मांगा गया है। इसे तहसील कार्यालय में हड़कंप मचा हुआ है।
पलवल में एक बार फिर नायब तहसीलदार पर आरोप लगे हैं कि उन्होंने एक एनडीसी से 2 या 3 नहीं, बल्कि 14 रजिस्ट्रियां की है। पलवल जिला उपायुक्त नेहा सिंह ने बताया कि पलवल के अलावलपुर चौक के पास गांधी आश्राम के निकट नगर परिषद एरिया की जमीन है। प्राइम लोकेशन के कारण इसकी कीमत 50 हजार रुपये प्रति स्कवेयर फीट है। यहां रुचिका दीवान के नाम से 1065 वर्ग गज की एनडीसी ली गई है। इसमें 33-33 गज की 5 रजिस्ट्रियां टुकड़ों में की गई है। इसके अलावा इसी एनडीसी से 50 गज, 60 गज, 25-25 गज की दो, 111 गज, 66 गज, 57 गज, 45 गज और 65 गज की लगातार 14 रजिस्ट्रियां की गई हैं।
क्या कहता है 7ए नियम
रजिस्ट्री के नियम 7ए के तहत किसी भी सेल डीड को रजिस्टर्ड करते समय शहर क्षेत्र में नगर परिषद से नो ड्यूज सर्टिफिकेट लेना जरूरी है। इसके तहत कृषि की जमीन का पूरा खेत एक एनडीसी पर बेचा जाएगा। वहीं, गैर कृषि जमीन को टुकड़ों में बेचने के लिए संबंधित विभाग से अनुमति और एनओसी ली जाएगी। इसकी फीस चुकानी होती है। ये फीस जमीन के साइज और लोकेशन के लिहाज से लाख से लेकर करोड़ रुपए तक में हो सकती है। इसी फीस को बचाने के लिए इस घोटाले को अंजाम दिया गया है।
वहीं, इस बारे में नायब तहसीलदार को नोटिस जारी कर रिकॉर्ड तलब किया गया है। जांच में कमी मिलने पर विभागीय कार्रवाई के लिए लिखा जाएगा और सेल डीड कैंसिल करने की प्रक्रिया अमल में लाई जाएगी। आपको बता दें इससे पहले भी सीएम फ्लाइंग स्क्वॉयड ने नायब तहसीलदार के दफ्तर पर छापा मारा था। ऑफिस से कुछ रजिस्ट्री बरामद कर चेतावनी भी दी गई थी। कोरोना काल के दौरान प्रदेश में व्यापक स्तर पर नियमों की अवहेलना कर रजिस्ट्रिया की गई थी।
- PTC NEWS