आईएएस की परीक्षा दुनिया की सबसे कठिन परीक्षाओं में एक है। लोगों की धारणा है कि स्कूल में अच्छा प्रदर्शन करने वाले छात्र ही परीक्षा को पास कर सकते हैं, लेकिन ये सिर्फ एक मिथ है। औसत छात्र भी कड़ी मेहनत के दम पर इस परीक्षा को पास कर सकते हैं। स्कूल में औसत छात्र रहे कई परीक्षार्थियों ने इस परीक्षा को पास किया है।
स्कूल-कॉलेज में पढ़ने वाला औसत दर्जे का छात्र भी कामयाबी की इबारत लिख सकता है, बस चाहिए तो कड़ी मेहनत, लगन और जुनून। सोशल मीडिया पर ऐसे ही आईएएस अधिकारी (IAS Officer) की कहानी सामने आई है, जिसने बोर्ड एग्जाम (हाईस्कूल) में महज 44% अंक हासिल किए थे।लेकिन कुछ कर गुजरने के जज्बे के बलबूते वो शख्स IAS बनने में कामयाब हुआ।खुद IAS ने इस बारे में ट्वीट किया है।आइए जानते हैं पूरा किस्सा।
इस आईएएस अधिकारी का नाम अवनीश शरण (Awanish Sharan) है।उन्होंने हाल ही में एक किताब के पन्ने को ट्वीट किया।इस ट्वीट के अनुसार, किताब को IAS जितिन यादव (Jitin Yadav) ने लिखा है।किताब सिविल सर्विस एग्जाम (Civil Service Examination) की तैयारी करने वाले छात्रों को ध्यान में रखते हुए लिखी गई है।
आईएएस अवनीश शरण ने अपने ट्वीट में इसी किताब का 'एवरेज स्टूडेंट' टाइटल वाला एक पेज शेयर किया है, जिसमें खुद उनकी और एक दूसरे IAS नितिन सांगवान की कहानी है।किताब में लिखा कि अवनीश शरण को हाईस्कूल में 44% अंक मिले थे।जबकि दूसरे IAS नितिन सांगवान (Nitin Sangwan) को 12वीं के बोर्ड एग्जाम में केमेस्ट्री के पेपर में सिर्फ 24 नंबर ही मिले थे।
हालांकि, एग्जाम में कम नंबर पाने वाले ये दोनों ही छात्र मेहनत और लगन से आईएएस बनने का सपना साकार करने में कामयाब रहे।उनकी पोस्ट पर तमाम यूजर्स ने रिएक्ट किया है।कुछ लोगों ने कहा कि ये कहानी UPSC की तैयारी करने वालों को प्रेरणा देगी, वहीं कुछ का मानना है कि स्कूली पढ़ाई में नंबर्स का अपना महत्व है।
इस किताब को लेकर आईएएस अवनीश शरण ने कहा कि एक ये युवा आईएएस अधिकारी द्वारा लिखित रोचक और ज्ञानवर्धक पुस्तक है, जो सिविल सेवा परीक्षा के उम्मीदवारों का मार्गदर्शन करेगी और उन्हें प्रेरणा देगी।उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है कि यह किताब प्रतियोगियों विशेष रूप से शुरुआती प्रतियोगियों को मदद करेगी।
आईएएस बनने की इच्छा रखने वाले कई छात्र अपने औसत होने का विचार दिमाग से नहीं निकाल पाते। इसी वजह से अपने सपने को अधूरा छोड़ देते हैं, लेकिन कड़ी मेहनत से ये परीक्षा पास की जा सकती है। मेहनत के दम पर ही असंभव को संभव किया जा सकता है।