कोरोना का टीका लगवाने वाली आशा वर्कर की इलाज के दौरान मौत

By  Arvind Kumar February 13th 2021 10:37 AM

पानीपत। अहर CHC में कोरोना का टीका लगवाने के बाद मतलौडा के गांव अटावला की आशा वर्कर की तबीयत बिगड़ गई। परिजनों ने उसे शहर के दो अलग-अलग प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया। आशा वर्कर ने शुक्रवार को अग्रसेन अस्पताल में दम तोड़ दिया। परिजनों का आरोप है कि स्वास्थ्य विभाग ने सही उपचार नहीं दिलाया और कोरोना वैक्सीन के कारण उसकी मौत हुई है।

मतलौडा ब्लॉक के गांव अटावला निवासी 35 वर्षीय कविता बीते 12 साल से गांव में ही आशा वर्कर है। कोरोना वैक्सीनेशन के पहले चरण में जिले के सभी हेल्थ वर्कर्स का टीकाकरण हुआ। इसमें कविता का भी नाम था। कविता ने 3 फरवरी को अहर CHC पर बने वैक्सीनेशन सेंटर पर कोरोना का टीका लगवाया।

Asha worker died कोरोना का टीका लगवाने वाली आशा वर्कर की इलाज के दौरान मौत

गांव सिवाह राजकीय स्कूल में कर्मचारी कविता के पति सुरेश ने बताया कि वह भी दोपहर बाद घर पहुंचा। तब उनकी पत्नी टीका लगवाकर आई थी। कुछ देर बाद ही कविता ने घबराहट और तेज बुखार की शिकायत की। दो दिन तक कविता ने पेरासिटामॉल की गोली खाई। आराम न होने पर गांव में ही डॉक्टर को दिखाया तो उन्होंने शहर जाने की सलाह दी। इसके बाद वह कविता को लेकर गैलेक्सी अस्पताल पहुंचे। वहां, BP जांच के बाद ही कविता को भर्ती करने से मना कर दिया। फिर उन्होंने 9 फरवरी को कविता को महाराजा अग्रसेन अस्पताल में भर्ती कराया। जहां, शुक्रवार को उसकी मौत हो गई।

Asha worker died कोरोना का टीका लगवाने वाली आशा वर्कर की इलाज के दौरान मौत

कविता की मौत के बाद परिजनों ने ICU के बाहर घंटों हंगामा किया। किला पुलिस ने परिजनों को शांत करने का प्रयास किया। मृतिका के पति सुरेश ने बताया कि परिजन और खुद कविता कोरोना का टीका नहीं लगवाना चाहती थी, लेकिन स्वास्थ्य विभाग से बार-बार फोन और मैसेज आने लगे। विभाग के दबाव के बाद 4 फरवरी को टीका लगवाया था उसके बाद तबीयत खराब होने के चलते इलाज के दौरान आज उसकी मौत हो गई। फिलहाल पोस्टमार्टम के बाद ही मौत के कारणों का खुलासा होगा।

Asha worker died कोरोना का टीका लगवाने वाली आशा वर्कर की इलाज के दौरान मौत

वहीं सीएमओ संतलाल वर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि आज जिस आशा वर्कर महिला कविता की मौत हुई है उसने 4 फरवरी को वैक्सीन लगवाई थी। उसे पहले निजी हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया था और रोहतक मैडिकल कॉलेज से भी डॉक्टर की एक टीम आई थी उसने भी महिला के हालात को नाजुक देखते हुए उसे निजी हॉस्पिटल में ही वेंटिलेटर पर रखने सी सलाह दी लेकिन फिर भी डॉ. महिला को नहीं बचा पाए।

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फिलहाल महिला की मौत किस बीमारी के कारण हुई है यह अभी बताना संभव नहीं है। स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि महिला का पोस्टमार्टम करवाने के बाद ही महिला की मौत के कारणों का खुलासा होगा।

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