खट्टर सरकार के नए तानाशाही आदेशों का भारतीय किसान यूनियन करेगी कड़ा विरोध: गुरनाम सिंह

By  Arvind Kumar May 10th 2020 05:57 PM -- Updated: May 10th 2020 06:00 PM

चंडीगढ़। भारतीय किसान यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम सिंह ने सरकारी आदेशों पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा की अब ये सरकार बर्दाश्त नहीं होगी क्योंकि डार्कजोन को रिचार्ज करने वाली दादुपुर नलवी नहर का कोर्ट के आदेश के बावजूद भी किसानों को भूमि अधिग्रहण का मुआवजे न देने के कारण दादुपुर नलवी नहर बंद करवाई। उसके उपरांत डार्कजोन में भूमि सिंचाई की कोई योजना नहीं बनाई गई। और अब खट्टर किसान नेता कहलाने वाले दुष्यत चौटाला सरकार ने नया तानाशाही हुक्मनामा जारी कर दिया है जिसमे 19 ब्लॉक्स 50% से अधिक भूमि पर धान बोने पर बैन लगाया है। इसी पत्र में यह आदेश न मानने वाले किसानों से MSP पर धान की खरीद न करने के बात कही गई है। भारतीय किसान यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष ने बताया की पिछले वर्ष भी सरकार ने धान की फसल की जगह मक्का पैदा करने के लिए ‘जल ही जीवन’ स्कीम 7 ब्लॉक चिन्हित कर शुरू की थी। इन इलाकों में धान की जगह मक्का की खेती करने के लिए 2000 रु. प्रति एकड़ कैश, 766 रु. प्रति एकड़ बीमा प्रीमियम व हाईब्रिड सीड देने का वादा किया था व 50,000 हेक्टेयर यानि 1,37,000 एकड़ में धान की बजाए मक्का की खेती होनी थी। परंतु न तो किसान को प्रति एकड़ मुआवज़ा मिला, न बीमा हुआ, हाईब्रिड सीड फेल हो गया। अब सरकार ने ‘जल ही जीवन’ स्कीम में चिन्हित 7 ब्लॉक छोड़कर तथा नाम बदलकर ‘मेरा पानी, मेरी विरासत’ के नाम से एक नई स्कीम 19 नए ब्लॉक में चालू कर दी। गलत तरीके से जबरदस्ती कोई भी हुक्मनामा बारदस्त नहीं होगा

गुरनाम सिंह ने चिन्ता जाहिर की अपने आप को किसान नेता कहलवाने वाले उप मुख्यमंत्री दुष्यत चौटाला जी ने किसानों के खेतो की सिंचाई की कोई भी योजना बनाए बिना सरकार के इस फैसले को कैसे जारी होने दिया। उन्होंने कहा कि सरकार का यह फ़ैसला जमीनी हकीकत से कोसों दूर है। उन्होंने कहा कि सरकार के इन आदेशों को किसी भी सूरत में सहन नहीं किया जाएगा।

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