वैश्विक एजेंसियों ने भारत सरकार को झूठा डाटा देने के लिए विश्व भर में दूसरा स्थान दिया: गौरव बल्लभ

By  Vinod Kumar May 6th 2022 06:04 PM -- Updated: May 6th 2022 06:29 PM

कांग्रेस प्रवक्ता गौरव बल्लभ ने WHO की ओर से जारी भारत में कोरोना के मौत के आंकड़ों पर केंद्र की मौदी सरकार पर निशाना साधा। WHO के मुताबिक कोविड से मौत के मामले में भारत ने गलत आंकड़े दिए हैं, लेकिन सरकार औऱ बीजेपी इसे मानने को तैयार नहीं है।

डब्ल्यूएचओ की प्रामाणिकता, विश्वसनीयता पर दुनिया का हर देश विश्वास करता है। वो कहता है कोविड की मौतों के मामले में दुनिया में दूसरा सबसे झूठा डेटा भारत सरकार ने दिया है। डब्ल्यूएचओ ने भारत सरकार के लिए इस शब्द का प्रयोग किया है।

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डब्ल्यूएचओ का कहना है कि 202-21 में भारत सरकार ने 4 लाख 81 हजार कोविड डेथ दिखाई, जबकि वास्तव में 47 लाख कोविड की डेथ हुई। मतलब जितनी भारत सरकार ने डेथ दिखाई उससे 10 गुना ज्यादा कोविड से डेथ भारत में हुई। हमसे आगे झूठ बोलने के मामले में सिर्फ एक ही देश है, जिसने 11 गुना कम बताई। पहले स्थान पर आने में हम थोड़ा सा चूक गए।

गौरव बल्लभ ने कहा कि Lancet Study ने एक स्टडी की और Lancet Study जब स्टडी करता है, तो पूरे रिसर्च पैमाने का ध्यान रखा जाता है। उस Lancet Study की स्टडी में ये बताया गया कि 40 लाख 70 हजार लोग कोविड के दौरान 2020-21 में भारत में जिनका स्वर्गवास हुआ, तो 40 लाख 70 हजार एक वैश्विक संगठन बता रहा है, WHO 47 लाख बता रहा है। अभी 2021 में एक स्टेट की कोविड डेथ का अनुमान एक न्यूज पेपर ने किया था, उस पर छापा पड़ गया।

कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि हम ये पूछना चाहते हैं कि डेढ़ करोड़ लोगों की जान कोविड से दुनिया में गई, उसमें से 47 लाख इंडिया में है। मतलब दुनिया में हर तीन में से एक व्यक्ति हिंदुस्तान में है, कोविड के दौरान जिनकी डेथ हो रही थी। भारत सरकार ने देश के लोगों की प्रामाणिकता और विश्वसनीयता को तार-तार क्यों किया? क्यों दुनिया की एजेंसी, वैश्विक एजेंसी कह रही है कि झूठा डेटा देने में दुनिया में नंबर दो स्थान पर भारत है, ऐसा वैश्विक एजेंसी क्यों कह रही है? क्यों हमने हमारी कोविड डेथ को 10 गुना कम करके दिखाया है? ऐसा क्यों किया गया है?

India reports 71,365 new Covid-19 cases, 1,217 deaths

प्रो गौरल बल्लभ ने कहा कि भारत सरकार ने चिरपरिचित अंदाज में कह दिया कि हम इस डेटा को नहीं स्वीकार करते हैं। ठीक है सीएमआईई का डेटा आप स्वीकार नहीं करते हैं, WHO का डेटा आप स्वीकार नहीं करते हैं। आपको अंतर्राष्ट्रीय मैगजीन डिवाइडर इन चीफ का खिताब देती है, उसकी बात आप स्वीकार नहीं करते हैं, हिंदुस्तान के एक अखबार ने, मध्य प्रदेश राज्य में बताया कि एक महीने में एक लाख से ज्यादा कोविड के दौरान मृत्यु हुई, उसके ऊपर आपने छापा पड़वा दिया। दूसरी वेव के दौरान मां गंगा के अंदर लाशें तैर रही थी और दुनिया की बड़ी-बड़ी रिसर्च एजेंसी और दुनिया के प्रतिष्ठित अखबार हमारी कोविड मिसमैनेजमेंट के बारे में बड़े-बड़े लेख लिख रहे थे।

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