pegasus deal पर विपक्ष हमलावर, कांग्रेस ने बताया किस-किस के फोन में सरकार ने लगाई सेंध

By  Vinod Kumar January 29th 2022 04:17 PM -- Updated: January 29th 2022 04:42 PM

pegasus deal: न्यूयॉर्क टाइम ने पेगासस डील को लेकर नया खुलासा किया है। न्यूयॉर्क टाइम के मुताबिक भारत ने पेगासस को 2017 के दौरान इजराइल से डिफेंस डील के दौरान खरीदा था। इस खुलासे के बाद मोदी सरकार विपक्षियों के निशाने पर आ गई है। विपक्ष ने मोदी सरकार पर जोरदार हमला बोलना शुरू कर दिया है।

कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला और मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि मोदी सरकार ने लोकतंत्र को बंधक बना लिया है और मोदी सरकार का ये काम देशद्रोह है। रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि यह स्पष्ट है कि सरकार ने संसद से झूठ बोला था, यह भी कि लोगों को ठगा गया था और नागरिकों से झूठ बोला गया था। हम सदन में जिम्मेदारी तय करेंगे। कांग्रेस नेता ने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट से संज्ञान लेने और दंडात्मक कार्रवाई शुरू करने के लिए कहते हैं।

सुरजेवाला ने कहा कि कांग्रेस लंबे समय से ऐसा कहती आ रही थी, "मोदी सरकार इजरायली निगरानी स्पाइवेयर पेगासस से अवैध और असंवैधानिक जासूसी रैकेट के कर्ताधर्ता हैं। इसमें पीएम मोदी खुद शामिल हैं!" यह एक बेशर्म 'लोकतंत्र का अपहरण' और 'देशद्रोह का कृत्य' है।

 

कांग्रेस नेता ने अपने आरोपों में दावा किया कि मोदी सरकार ने राहुल गांधी और उनके स्टाफ सदस्यों की जासूसी करने के लिए पेगासस स्पाइवेयर का इस्तेमाल किया। कांग्रेस का दावा है कि इस स्पाईवेयर का प्रयोग पूर्व प्रधानमंत्री देवेगौड़ा, पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और कुमारस्वामी,भाजपा की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया, भाजपा कैबिनेट मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल, उनकी पत्नी और कर्मचारी, वर्तमान आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव और उनकी पत्नी, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के ओएसडी, ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी पर भी किया गया। इसके अलावा प्रवीण तोगड़िया और दूसरे नेताओं की भी जासूसी की गई।

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कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने दावा किया कि सुप्रीम कोर्ट के जज, चुनाव आयोग, सीबीआई निदेशक रहे आलोक वर्मा और उनकी पत्नी और परिवार, बीएसएफ के प्रमुख के के शर्मा, बीएसआई आईजी जगदीश मैथानी, रॉ अधिकारी जितेंद्र कुमार ओझा और उनकी पत्नी, भारतीय सेना के अधिकारी - कर्नल मुकुल देव और कर्नल अमित कुमार को भी पेगासस ने निशाना बनाया।

बता दें कि पेगासस का विवाद पिछले साल खड़ा हुआ था। विपक्ष ने तब भी सरकार पर जासूसी करने के आरोप लगाए थे। विपक्ष ने इस मामले पर संसद में खूब हंगामा किया था। 18 जुलाई को लोकसभा में एक सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा था कि जब निगरानी की बात आती है तो भारत ने प्रोटोकॉल स्थापित किए हैं जो मजबूत हैं और “समय की कसौटी पर खरे उतरे हैं।” उन्होंने पेगासस सॉफ्टवेयर के जरिए भारतीयों की जासूसी करने संबंधी खबरों को सोमवार को सिरे से खारिज कर दिया। अब न्यूयॉर्क टाइम की रिपोर्ट के बाद इस मामले में फिर तूल पकड़ लिया है।

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