चंडीगढ़: पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने गुरू प्रकाश पर्व के मौके पर राष्ट्र के नाम दिए अपने संबोधन में तीनों कृषि कानूनों (Farm Laws Repealed) को वापस लेने का ऐलान कर किसी को चौंका दिया।
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में आंदोलन खत्म कर किसानों से अपने-अपने घर परिवार के बीच और खेतों में लौटे जाने की अपील की। पीएम मोदी के इस ऐलान के बाद लोगों को उम्मीद थी की लगभग एक साल से चल रहा किसान आंदोलन समाप्त हो जाएगा, लेकिन किसान नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने साफ कर दिया है कि किसान आंदोलन (farmer protest) तत्काल वापस नहीं होगा।
भारतीय किसान यूनियन (BKU) के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने एक ट्वीट में लिखा, 'आंदोलन तत्काल वापस नहीं होगा, हम उस दिन का इंतजार करेंगे जब कृषि कानूनों को संसद में रद्द किया जाएगा। सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य के साथ-साथ किसानों के दूसरे मुद्दों पर भी बातचीत करें'।
गौर रहे कि तीनों कृषि कानूनों के विरोध में देशभर के किसान लगभग पिछले एक साल से दिल्ली बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे थे। किसान दिल्ली बॉर्डर पर सड़कों पर डेरा जमाने के साथ ही रेल रोको, संसद मार्च, भारत बंद जैसे अभियान चला चुके थे। किसानों का कहना था कि केंद्र सरकार के तीन कृषि कानून से निजी क्षेत्र का दखल बढ़ेगा।