फूलों की खेती करने वाले किसानों पर पड़ी कोरोना की मार, नहीं मिल रहे खरीददार

By  Arvind Kumar April 2nd 2020 09:46 AM

जींद। (अमरजीत खटकड़) कोरोना के कारण हर क्षेत्र में कारोबार पर काफी असर पड़ा है। फूलों की खेती भी इससे अछूती नहीं है। जिस फूलों की खेती से किसानों को अच्छी-खासी आय मिलती थी। उसका अब सब्जी मंडी में कोई खरीददार नहीं है। अमूमन हर साल नवरात्र के मौके पर फूलों की बाजार में अच्छी डिमांड होती थी। भाव भी प्रति किलो 50 से 60 रुपए के आम मिल जाते थे। लेकिन इस बार सब्जी मंडी में उन्हीं फूलों को कोई भी 5 रुपए किलो के हिसाब से भी खरीदने को तैयार नहीं है। किसानों के सामने सबसे बड़ी दिक्कत ये है कि वे इस फसल का स्टॉक

भी नहीं कर सकते। तैयार होने के बाद फूल पौधे के साथ तोड़ने पर दो दिन के अंदर ही खराब हो जाता है।

Flower Cultivation affected due to Coronavirusअब तो किसानों ने फूलों की फसल को ही उखाड़ना शुरू कर दिया है। इसकी जगह किसान अन्य सब्जी की फसल उगाने की सोच रहे हैं ताकि हुए नुकसान की कुछ भरपाई की जा सके। फूल उत्पादक किसानों की माने तो प्रति एकड़ किसान को फूल उगाने से इस बार 50 हजार रुपए तक का नुकसान हुआ है। कई महीनों तक फसल को तैयार करने के लिए की गई मेहनत भी बर्बाद हो गई है।

जिला के कई गांवों के किसानों द्वारा की जाती है फूलों की खेती

जिला में कई गांवों के किसानों द्वारा हर साल गेंदे सहित अन्य वैरायटी के फूलों की खेती की जाती है। इसमें अहिरका, अमरहेड़ी गांव प्रमुख हैं। इन गांवों के किसान जींद सब्जी मंडी के अलावा दिल्ली, पंजाब आदि जगहों पर फूलों की सप्लाई करते हैं। लेकिन इस बार कोरोना के कारण 21 दिन के हुए लॉकडाउन से उनकी फसल का कोई खरीददार नहीं है।

---PTC NEWS---

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