लोकहित के लिए हिमाचल में खुलेंगे 1,000 और लोकमित्र केंद्र
हिमाचल प्रदेश की सरकार ने राज्य में एक हजार और लोकमित्र केंद्र खोलने का वादा किया है। मौजूदा समय में प्रदेश में पांच हजार लोकमित्र केंद्र हैं, जबकि वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान इनकी संख्या छह हजार कर दी जाएगी।
हिमाचल प्रदेश की सरकार ने राज्य में एक हजार और लोकमित्र केंद्र खोलने का वादा किया है। मौजूदा समय में प्रदेश में पांच हजार लोकमित्र केंद्र हैं, जबकि वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान इनकी संख्या छह हजार कर दी जाएगी। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बजट पेश करते हुए कहा था कि इससे गांवों में रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे और ग्रामीण क्षेत्रों में प्रदेशवासियों के लिए इंटरनेट आधारित सेवाएं भी दी जाएंगी। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि राज्य सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत राजीव गांधी की डिजिटल इंडिया की परिकल्पना को आगे बढ़ाते हुए एक कार्ययोजना तैयार की है।
सरकारी काम जल्द से जल्द हों इसके लिए सभी निदेशालयों तथा उपायुक्त कार्यालयों में सरकार द्वारा ई आफिस की व्यवस्था की जाएगी। 1 जुलाई 2023 से प्रदेश सचिवालय के सभी प्रभागों को ई आफिस से जोड़ा जाएगा। सीएम ने कहा है कि प्रत्यक्ष हस्तांतरण अंतरण के तहत विभिन्न विभागों की तरफ से कुछ योजनाओं का डाटा मैनुअली एकत्रित किया जा रहा है।
बता दें कि वर्तमान सरकार डाटा संचार और प्रबंधन में देरी को खत्म करने के प्रयास करते हुए फील्ड स्तर से डाटा को दर्ज करने के लिए एक डीबीटी पोर्टल विकसित कर रही है। वहीं, ड्रोन और ड्रोन प्रौद्योगिकी उद्योग को बढ़ाने के लिए व्यापक नीति और ड्रोन सक्षम शासन तैयार किया जा रहा है। ऐसे में पुलिस, वन, लोकनिर्माण, आपदा प्रबंधन, कृषि और स्वास्थ्य विभाग को ड्रोन को चलाने के लिए प्रशिक्षित लोगों की जरूरत है।
अगले चार महीने में अलग-अलग विभिन्न विभागों के अलग-अलग डाटा बेस को इकट्ठा करके एक नया सिस्टम स्थापित होगा। इसके जरिए कृषि, पशुपालन और श्रम और रोजगार विभाग की कल्याणकारी योजनाओं की डीबीटी मैपिंग भी बनाई जाएगी, जिसके लिए 50 करोड़ रुपये का व्यय प्रस्तावित किया है। सीएम ने बताया कि प्रदेश में जो गांव फोर जी सेवा से नहीं जुड़े हैं, उन्हें भी इसके दायरे में लाया जाएगा।
हिमाचल के सभी परिवारों के नाम से संबंधित सूचना एक प्लेटफार्म पर एकत्रित करने के लिए हिम परिवार के नाम पर रजिस्ट्री स्थापना की प्रक्रिया आरंभ की गई है जिसके तहत हर लाभार्थी को एक यूनिक आईडी प्रदान दी जाएगी।