Haryana : बच्चों की परवरिश के साथ पति की दवाइयों के खर्च के लिए खुद चलाने लगीं ई-रिक्शा, महिलाओं के लिए प्रेरणा बनीं 'अनीता दीदी'

बच्चों के भविष्य को बेहतर बनाने के लिए चरखी दादरी की रहने वाली अनिता ने ई-रिक्शा चलाने का निर्णय लिया। बच्चों के लिए खुद चलाने ई-रिक्शा लोन पर खरीदी और महिलाओं के लिए प्रेरणा बन गई है।

By  Rahul Rana August 9th 2023 03:22 PM

चरखी दादरी:  बच्चों के भविष्य को बेहतर बनाने के लिए हरियाणा के चरखी दादरी की रहने वाली अनिता ने ई-रिक्शा चलाने का निर्णय लिया। बच्चों के लिए खुद चलाने ई-रिक्शा लोन पर खरीदी और महिलाओं के लिए प्रेरणा बन गई है। पिता का साया उठ गया था, पति बीमार होने के बाद घर खर्च निकालने के लिए अनिता ने ई-रिक्शा लेकर दादरी जिला की पहली महिला ऑटो चालक बनी हैं। अपने हौसले के दम पर अनीता देवी का आत्मनिर्भर बनने का सपना है।

दादरी निवासी ई-रिक्शा चालक अनिता ने अपने जज्बे का मिसाल कायम कर दिया है। अपने बीमार पति और बच्चों के पालन पोषण की जिम्मेदारी अपने कंधे पर रखते हुए एक ई-रिक्शा लोन पर निकलवाया। ई-रिक्शा चलाकर अपने पति का इलाज और अपने बच्चों का पालन पोषण के साथ रिक्शा का लोन भी भरेंगी। परिवार में आर्थिक तंगी को खत्म करने के लिए उर्मिला को मजबूती में ई-रिक्शा चलाना पड़ रहा है। अनिता ने बताया कि पति के इलाज में डॉक्टरों का खर्च और बच्चों के पालन पोषण के लिए केवल यही एक रास्ता मेरे पास है। झांसी की रानी संगठन की प्रधान प्रियंका प्रजापति ने बताया कि सामाजिक तानों और पुरुष प्रधान सोच से अनिता ने काफी हिम्मत भरा कदम उठाया है। संगठन की अन्य सदस्यों ने भी अनिता का हौंसला बढ़ाया और अब वह अपने दम पर परिवार का पालन-पोषण कर सकेंगी। महिला यात्रियों ने बताया कि ई-रिक्शा चालक अनिता दीदी के साथ आने जाने में किसी भी प्रकार का डर नहीं लगता है। अनिता दीदी हम सभी के लिए प्रेरणास्रोत हैं।



वहीं इसी कड़ी के चलते नगर परिषद चेयरमैन बक्सी सैनी ने अनिता के जज्बे को सलाम करते हुए उन्हें सम्मानित किया और समाज में महिलाओं को प्रेरणा के रूप में आगे बढ़ने की नसीहत दी। उन्होंने कहा कि महिलाएं अब हर क्षेत्र में पुरुषों के समक्ष कार्य करने में सक्षम हैं। खुशी है कि अनिता दादरी जिला की पहली महिला ऑटो चालक बनी है।

वहीं अनिता ने कहा कि जीवन में परेशानियां तो होती हैं लेकिन इन्हीं परेशानियों के बीच अपना रास्ता खोजना पड़ता है। महीनों पहले पति बीमार होने के बाद से परिवार पूरी तरीके से टूटता है। परिवार को संभालने की पूरी जिम्मेदारी अब मेरे कंधे पर आ गई है।

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