डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये में लगातार गिरावट जारी है। शुक्रवार को भारतीय रुपया करंसी बाजार में एक बार फिर रिकॉर्ड निचले स्तर पर लुढ़क गया है। आज सुबह रुपया 8 पैसे की गिरावट के साथ अपने सबसे निम्न स्तर 77.82 रुपये पर जा पहुंच गया। रुपये की गिरती हालत कहीं ना कहीं चिता का विषय है।
डॉलर के मुकाबले में रुपये का गिरने का असर अर्थव्यवस्था के साथ साथ आपकी जेब पर भी पड़ेगा। रुपये के कमजोर होने से कई जरूरी चीजों की कीमतें बढ़ जाएंगी खासकर बाहरी देशों से आयातित होने वाली चीजें के दाम बढ़ सकते हैं, जैसे क्रूड ऑयल, दलहन, खाने का तेल इत्यादि, क्योंकि इनके अदायगी सरकार डॉलर में ही करती है।
भारत अपनी जरूरत के लिए 80 प्रतिशत से ज्यादा क्रूड ऑयल आयात करता है। डॉलर के मजबूत होने से अब भारत सरकार को तेल की ज्यादा कीमत चुकानी होगी। इसका असर विदेशी मुद्रा भंडार पर पड़ेगा। इसके साथ ही आयातित कारें और मोबाइल के स्पेयर पार्ट भी महंगे होंगे।
इसके साथ ही विदेशों में पढ़ाई का सपना देख रहे छात्रों को भी झटका लगेगा। विदेशी में छात्रों को पहले से ज्यादा फीस की अदायगी करनी पड़ेगी। माता पिता को बच्चों के लिए ज्यादा खर्च भेजना पड़ेगा। इसके अलावा पॉम और खाद्य तेल भारत इंडोनेशिया, मलेशिया और अन्य देशों से आयात करता है इसका भुगतान डॉलर में होता है। ऐसे में इनकी कीमतें भी बढ़ जाएंगी।
Indian woman wins a BMW Car as lottery in Dubai
बताया जा रहा है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दामों में तेजी और शेयर बाजारों में विदेशी निवेशकों की लगातार बिकवाली के चलते रुपये में गिरावट दर्ज हो रही है। रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध के कारण रुपया लगातार डॉलर के मुकाबले गिरता जा रहा है। 23 फरवरी, 2022 को रूस यूक्रेन वॉर से पहले भारतीय रुपया डॉलर के मुकाबले 74.62 रुपये था। लगभग चार महीने बाद रुपया गिरकर आज 77.82 रुपये पर आ चुका है।