फरीदाबाद। (सुधीर शर्मा) अपने पैरों से 100 किलोमीटर लंबी ड्राइव करने पर साल 2010 में लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड से नवाजे गए फरीदाबाद के विपिन भाटिया और उनके परिवार के तीन सदस्यों को कोरोना पॉजिटिव पाया गया जिनका इलाज फरीदाबाद ईएसआई हॉस्पिटल किया गया। सरकार के कुशल डॉक्टर और अच्छी मुफ्त सुविधाओं के चलते सभी ठीक हो गए हैं जिस पर रिकॉर्डधारी विपिन भाटिया ने सरकारी सुविधाओं का बार-बार धन्यवाद किया।
इतना ही नहीं उनकी बेटी अभिशिखा भाटिया ने ईएसआई अस्पताल में अपना प्लाज्मा दान किया है जिससे एक गंभीर कोरोना पीड़ित की जान बचाई जा सकेगी। प्लाज्मा डोनेट करने वाली 21 वर्षीय बेटी अभिशिखा फरीदाबाद की पहली महिला बनी है जिस पर उन्हें बहुत गर्व है।
विपिन भाटिया ने बताया कि उनके परिवार के 11 सदस्यों का कोरोना सैंपल लिया गया था जिसमें से 4 सैंपल पॉजिटिव आए उनके अलावा उनकी मां बेटी और भांजा कोरोना संक्रमित पाया गया था। कोरोना की रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर वह लोग बहुत डर गए थे और प्राइवेट हॉस्पिटल में इलाज करवाने की ठान ली थी। मगर किसी ने जानकारी दी ईएसआई अस्पताल में सरकार द्वारा बेहतर सुविधा दी जा रही हैं तो उन्होंने अपना मन बदला और ईएसआई अस्पताल में भर्ती हो गए।
जहां डॉक्टरों और स्टाफ ने पूरी कुशलता के साथ उनका इलाज किया और उनका ध्यान भी रखा गया जिसके चलते वह है नेगेटिव पाए गए। जहां उन्हें मालूम हुआ कि ऐसे कई गंभीर कोरोना पीड़ित हैं जिन्हें प्लाज्मा की जरूरत है मगर दुर्भाग्यवश वह खुद शुगर के मरीज है और उनकी मां वृद्ध है और भांजा नाबालिग।
इसलिए बेटी ने यह जिम्मा उठाया और 21 साल की उम्र में अपना प्लाज्मा डोनेट कर एक व्यक्ति की जान बचाई जिस पर उन्हें हमेशा गर्व रहेगा। इसलिए उन्होंने ऐसे व्यक्तियों से अपील की है जो कोरोना को मात देकर ठीक हो गए हैं उन्हें अपना प्लाज्मा डोनेट करना चाहिए ताकि उनकी वजह से और गंभीर कोरोना मरीज ठीक हो सके।
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