जींद। (अमरजीत खटकड़) हरियाणा के जींद जिले में सफीदों के गांव डिडवाड़ा हत्या कांड को अंजाम देने वाले बाप को पुलिस ने तीन दिन के पुलिस रिमांड पर लिया है। गौरतलब है कि पिता ने ही अपने पांचों बच्चों को मौत के घाट उतारा था। पुलिस का कहना है कि आरोपी बाप बार-बार अपने बयान बदल रहा है और कभी गरीबी तो कभी तांत्रिक के कहने पर हत्या कांड के अंजाम देने की बात कह रहा है।
सफीदों पुलिस एसएचओ ने बताया कि आरोपी अपने बयान बार-बार बदल रहा है। कभी वो तांत्रिक के कहने पर तो कभी गरीबी के कारण बच्चों को मारने की बात कह रहा है। उन्होंने कहा कि ये बड़ा हत्याकांड है और इस मामले में जरूरी ये है कि इस हत्याकांड की असल वजह क्या रही है। पुलिस अब तांत्रिक के पास भी जाएगी और असल वजह जानने का प्रयास करेगी। उन्होंने बताया कि अब बाइक और अन्य सामान भी बरामद किया जाएगा।
गौरतलब है कि बाप द्वारा ही हत्याकांड को अंजाम दिए जाने को लेकर हर कोई हैरत में है और सब यह सोच रहे हैं कि क्या कोई बाप भी अपने बच्चों को इस तरह से मौत के घाट उतार सकता है। इसी बीच यह भी सवाल उठ रहे हैं कि खुद अपने बच्चों को मारकर नहर में डालने के बावजूद भी जुम्मा ने इसके बारे में पहले क्यों नहीं बताया। दरअसल जुम्मा गुमराह में माहिर है। उसकी इस महारत ने प्रशासन, पुलिस व ग्रामीणों को भी कई दिन खूब छकाया है। उसके कारण प्रशासन, पुलिस व ग्रामीण करीब 3 दिनों तक लड़कियों को ढूंढने में लगे रहे। जुम्मा ने पहले अपने दोनों बेटियों को नशीला पदार्थ दिया और फिर रात के अंधेर में मोटरसाइकिल पर एक को आगे टंकी पर लिटाकर तथा दूसरी को पीठ पर कपड़े से बांधकर ले जाकर नहर में डाल दिया।
जुम्मा ने लड़कियों को नहर में उस स्थान पर डाला जहां पानी में जलखुंभी जमी हुई थी। वह चाहता था कि लड़कियों का किसी को अता-पता नहीं चल पाए और पहले की तरह से 3 बच्चों की हत्याओं को अंजाम देने के बाद भी पाक साफ बना रहे। जुम्मा ने लड़कियों को नहर में डालने की किसी को कानोकान खबर तक नहीं होने दी और खुद ही सफीदों के सदर थाने में जाकर लड़कियों के गायब होने का ड्रामा रच दिया। जुम्मा की शिकायत प्राप्त होने पर पुलिस ने गुमशुदगी की प्राथमिकी दर्ज करके लड़कियों को तलाश शुरू कर दी।
इसी बीच किसी ने सूचना दी कि साहनपुर गांव के पास बह रही नहर में एक लडक़ी का शव देखा गया है। सूचना पर पुलिस व ग्रामीण मौके पर पहुंचे और देर सांय अर्धनग्नावस्था में जुम्मादीन की छोटी बेटी का शव बरामद कर लिया। बेटी का शव बरामद होने के बावजूद जुम्मा को सबकुछ पता होते हुए भी किसी को कुछ नहीं बताया और चुपचाप अपनी बेटी के शव की शिनाखत भी कर ली। 2 दिन बाद उसी स्थान के आसपास उसकी दूसरी लड़ी का शव भी बरामद हो गया और जुम्मा ने फिर से चुपचाप लड़की की शिनाख्त कर ली और आंसू बहाकर लोगों की संवेदना बटोरता रहा।
पोस्टमार्टम में दोनों लड़कियों की मौत का कारण डूबने से बताया गया। जुम्मा ने दोनों लड़कियों को गांव में ले जाकर खुद अपने हाथों से सुपर्दे-ए-खाक कर दिया। पुलिस गुमशुदगी की एफ.आई.आर. में हत्या की धाराओं को जोड़कर मामले की तफतीश में जुट गई। पुलिस को शुरू से ही परिवार के किसी ना किसी सदस्य के इस घटनाक्रम को अंजाम दिए जाने का शक था लेकिन पुलिस के सामने समस्या से थी कि एक तरफ तो गांव व परिवार में लड़कियों की मौत का शोक व रोष था और इसी बीच जल्दबाजी में परिवार के किसी सदस्य से पूछताछ करने में दिक्कतें आ सकती है।
धीरे-धीरे गांव के लोगों को भी परिवार के लोगों पर ही कहीं ना कहीं शक होने लगा था। गांव के लोगों का शक उस वक्त भी हुआ जब जुम्मादीन शेव करवाकर व नहा धोकर गांव में से गुजरा। लोगों का कहना था कि जिसकी दो-दो बेटियां इस दुनिया से चली गई हो उसका शोकाकुल पिता इस तरह से तो घूम नहीं सकता। शक गहराने पर इसी गांव के सरपंच प्रतिनिधि प्रमोद कुमार व अन्य मौजिज लोगों ने अकेले जुम्मादीन को बुलाया और उससे अपने स्तर पर पूछताछ की। सबके सामने जुम्मा ने अपना जुर्म कबूल कर लिया। इसके साथ-साथ उसने यह भी कबूल लिया कि इससे पूर्व हुई तीन बच्चों की मौत का गुनाहगार भी वही है। उसकी बात सुनकर सभी हक्के-बक्के रह गए।
पंचायत ने मामले की सूचना ए.एस.पी. अजीत सिंह शेखावत को दी और पुलिस ने उसे अपनी हिरासत में ले लिया। पुलिस पूछताछ के दौरान में जुम्मा ने कुछ खास नहीं उगला है और वह लगातार पुलिस को भी गुमराह करने का प्रयास कर रहा है। पूछताछ के दौरान जुम्मादीन लगातार अपने बयान बदल रहा है। कभी वह गरीबी के कारण खर्चे का बोझ ना उठा पाने के कारण अपने पांचों बच्चों को मारने तो कभी वह बड़ी तंत्र विद्या हासिल करके डिडवाड़ा गांव व क्षेत्र का बादशाह बनने की बातें कर रहा है। इसके अलावा भी वह कई तरह से अनाप-शनाप बयानबाजी पुलिस के सामने कर रहा है। वहीं इस मामले में पुलिस कैथल के खजान सिंह भी लगातार पूछताछ कर रही है।
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