पंजाब द्वारा चंडीगढ़ पर अपना दावा जताने के बाद अब हरियाणा ने इसका जवाब देने के लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया है। सत्र में चंडीगढ़ पर हरियाणा के हक के लिए सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया जाएगा। साथ ही इसे प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को भेजा जाएगा। इतना ही नहीं पंजाब सरकार को घेरने के लिए हरियाणा की ओर से एसवाईएल का पानी और 400 हिंदी भाषी गांवों की वापसी का मुद्दा भी जोर-शोर से उठाया जाएगा।
बता दें कि हरियाणा पंजाब के बीच में राजधानी चंडीगढ़ को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। 1 अप्रैल को पंजाब विधानसभा का एक दिन का विशेष सत्र बुलाया गया था। यह विशेष सत्र केंद्र शासित प्रदेश (यूटी) चंडीगढ़ में केंद्रीय सेवा कानून लागू किए जाने के मद्देनजर बुलाया गया था। इस सत्र का आयोजन चंडीगढ़ में केंद्रीय सेवा कानून के विरोध में किया गया। इसमें प्रस्ताव पारित कर चंडीगढ़ पर हक जताते हुए इसे पंजाब को सौंपने और केंद्रीय सेवा कानून को यहां लागू नहीं करने की मांग की गई।
फाइल फोटो
पंजाब ने जो किया वो निंदनीय
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा था कि पंजाब ने जो किया है वह निंदनीय है। लोकतंत्र की एक व्यवस्था होती है। इन्होंने एकतरफा फैसला जो किया है वह निंदनीय है। इस तरह के फैसलों की लोकतंत्र में कोई जगह नहीं। सीएम खट्टर ने कहा कि ऐसे कई मुद्दे हैं जिनका बातचीत से हल निकाला जाता है।
केजरीवाल और मान माफी मांगें
सीएम ने कहा था कि अरविंद केजरीवाल व भगवंत मान को हरियाणा के लोगों से माफी मांगनी चाहिए। सीएम ने कहा कि अरविंद केजरीवाल इस पर निंदा प्रकट करें। मैं अरविंद केजरीवाल से एक उत्तर चाहता हूं एक तरफ पंजाब में पानी को रोक कर रखते है और दिल्ली में पानी मांगते है। इसपर स्थिति स्पष्ट करें।