हाफिज सईद-यासीन मलिक सहित 15 कश्मीरी अलगाववादियों पर UAPA के तहत तय हों आरोप, NIA कोर्ट का आदेश

By  Vinod Kumar March 19th 2022 01:07 PM

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (national investigation agency) कोर्ट ने आज लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के संस्थापक हाफिज सईद (hafiz saeed) और हिजबुल मुजाहिदीन के प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन, यासीन मलिक, शब्बीर शाह, मसरत आलम सहित 15 कश्मीरी अलगाववादी नेताओं के खिलाफ यूएपीए (uapa) की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप तय करने का आदेश दिया है। हाफिज को 2008 में मुंबई आतंकी हमले के लिए मास्टरमाइंड माना जाता है। यासीन मलिक जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (Jammu-Kashmir Liberation Front) का मुखिया भी है, जिस पर भारतीय वायुसेना के 4 कर्मियों की हत्या के आरोप में भी केस चल रहा है। टेरर फंडिंग केस की सुनवाई कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी की विशेष अदालत के जज जस्टिस परवीन सिंह ने जम्मू-कश्मीर में साल 2017 की आतंकवादी एवं अलगाववादी गतिविधियों को ‘सुनियोजित साजिश’ करार दिया। जस्टिस सिंह के अनुसार, इस साजिश का मास्टरमाइंड सीमा पार पाकिस्तान में बैठा था और आईएसआई (Pakistan’s Inter Services Intelligence) के इशारों पर काम कर रहा था।  NIA court, NIA, hafiz saeed, yasin malik,  kashmiri separatists, UAPA एनआईए कोर्ट ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर में आतंकियों के वित्त पोषण के लिए पाकिस्तान से पैसा भेजा गया और यहां तक कि शैतानी इरादों को अंजाम देने के लिए राजनयिक मिशन का भी इस्तेमाल किया गया। आतंकियों को वित्तीय मदद कराने के लिए अंतरराष्ट्रीय आतंकी हाफिज सईद ने भी पैसा भेजा था।  NIA court, NIA, hafiz saeed, yasin malik,  kashmiri separatists, UAPA राशिद इंजीनियर व वटाली समेत इन पर भी तय होंगे आरोप एनआई कोर्ट ने कश्मीर के नेता व पूर्व विधायक राशिद इंजीनियर, कारोबारी जहूर अहमद शाह वटाली, बिट्टा कराटे, आफताब अहमद शाह, अवतार अहमद शाह, नईम खान, बशीर अहमद बट उर्फ पीर सेफुल्लाह व कई अन्य पर भी आरोप तय करने का निर्देश दिया है। इन सभी पर यूएपीए कानून के अलावा भारतीय दंड संहिता के विभिन्न प्रावधानों, जिनमें आपराधिक षड्यंत्र, देश के खिलाफ जंग छेड़ने के आरोप में भी केस चलेगा। भारत से कश्मीर को अलग करना था मकसद कोर्ट ने कहा कि बहस के दौरान किसी भी आरोपी ने यह दलील नहीं दी कि व्यक्तिगत रूप से उनकी कोई अलगाववादी विचारधारा या एजेंडा नहीं है या उन्होंने अलगाव के लिए काम नहीं किया है या पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर को सरकार से अलग करने की वकालत नहीं की है। जबकि गवाहों ने बयान दिया है कि आतंकियों व उनके मददगारों का एक ही उद्देश्य था और वह था भारत से जम्मू और कश्मीर को अलग करना। इसलिए बनाई हुर्रियत कॉन्फ्रेंस एनआईए के अनुसार विभिन्न आतंकवादी संगठन जैसे लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी), हिज्ब-उल-मुजाहिदीन (एचएम), जम्मू और कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ), जैश-ए-मोहम्मद (जेएम) ने पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के समर्थन से नागरिकों और सुरक्षा बलों पर हमला करके घाटी में हिंसा को अंजाम दिया। वर्ष 1993 में अलगाववादी गतिविधियों को एक राजनीतिक आधार देने के लिए ऑल पार्टी हुर्रियत कॉन्फ्रेंस (APHC) का गठन किया गया था। केंद्र सरकार को पुख्ता जानकारी है कि हाफिज सईद और हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के सदस्य आतंकवादियों के साथ मिलीभगत कर रहे हैं। हवाला सहित विभिन्न अवैध तरीकों से विदेशों से पैसा जुटाया जा रहा है। Pak places Hafiz Saeed-led JuD, FIF in list of banned organisations मुंबई हमले का मास्टरमाइंड है हाफिज सईद हाफिज सईद संयुक्त राष्ट्र की ओर से घोषित आतंकवादी है। अमेरिका ने उस पर एक करोड़ डॉलर का इनाम रखा हुआ है। सईद के नेतृत्व वाला जमात-उद-दावा आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का मुखौटा संगठन है। लश्कर 2008 में मुंबई आतंकी हमले के लिए जिम्मेदार है। इस आतंकी हमले में छह अमेरिकी नागरिकों समेत 166 लोगों की जान चली गई थी, जबकि बड़ी संख्या में लोग घायल हुए थे। अमेरिका के वित्त विभाग ने हाफिज सईद को वैश्विक आतंकवादी घोषित कर रखा है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने भी दिसंबर 2008 में उसे आतंकवादी घोषित कर दिया था।

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