पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों के बीच केंद्र सरकार ने जनता को राहत दी है। केंद्र सरकार ने पिछले कल पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी घटाने का ऐलान किया था। पेट्रोल पर 8 रुपये तो डीजल पर 6 रुपये एक्साइज ड्यूटी कम कर दी है। इसके बाद पेट्रोल में 9.50 रुपये और डीजल 7 रुपये सस्ता हुआ है। केंद्र सरकार के ऐलान के बाद अब कई राज्यों ने पेट्रोल डीजल के टैक्स में कटौती की है।
आज रविवार के लिए सरकारी तेल कंपनियों ने पेट्रोल-डीजल के नए दाम जारी कर दिए हैं। नए रेट के मुताबिक आज रविवार को दिल्ली में पेट्रोल 96.72 रुपए प्रति लीटर और डीजल 89.62 रुपए प्रति लीटर मिल रहा है।
केंद्र सरकार के फैसले के बाद केरल सरकार के साथ साथ राजस्थान में गहलोत सरकार ने भी पेट्रोल-डीजल पर वैट कम करने का ऐलान किया। केरल में पेट्रोल पर 2.41 रुपए प्रति लीटर और डीजल पर 1.36 रुपए वैट घटाया गया है। इससे पेट्रोल के दामों में 11.91 रुपए प्रति लीटर कमी हो आई। वहीं, राजस्थान सरकार ने पेट्रोल पर 2.48 रुपये और डीजल पर 1.16 रुपये वैट घटाया है। राजस्थान में पेट्रोल 10.48 रुपये और डीजल 7.16 रुपये प्रति लीटर सस्ता हो गया है।
पेट्रोल-डीजल के दाम
चंडीगढ़ पेट्रोल 96.20 रुपए डीजल 84.26 रुपए
गुरुग्राम पेट्रोल 97.18 रुपए डीजल 90.05 रुपए
नोएडा पेट्रोल 96.79 रुपए डीजल 89.96 रुपए
दिल्ली पेट्रोल 96.72 रुपए डीजल 89.62 रुपए
इससे पहले 22 मार्च से 6 अप्रैल तक पेट्रोल-डीजल के दामों में 10 भारी बढ़ोतरी हुई थी। ऑयल कंपनियों ने 6 अप्रैल के बाद पेट्रोल-डीजल के दाम में कोइ बदलाव नहीं किया था। पूरे 46 दिन बाद केंद्र और कुछ राज्यों सरकारों ने पेट्रोल-डीजल पर वैट ड्यूटी कम कर जनता को राहत दी है।
वहीं, महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे ने केंद्र सरकार पर तंज कसा है। उन्होंने कहा कि पहले तेल के रेट बढ़ाना और फिर कुछ कटौती करना सही नहीं है। उद्धव ठाकरे ने केंद्र सरकार से एक्साइज ड्यूटी को और कम करने की मांग की है। उद्धव ने कहा कि केंद्र सरकार ने दो महीने पहले पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी 18.42 रुपये प्रति लीटर बढ़ाई थी। आज इसे 8 रुपये कम कर दिया गया है।
तमिलनाडु के वित्त मंत्री पी थियाग राजन ने ट्विटर पर लिखा कि केंद्र सरकार ने तब किसी राज्य से नहीं पूछा, जब 2014 से पेट्रोल 23 रुपये/लीटर (+250%) और डीजल 29 रुपये/लीटर (+ 900%) पर केंद्रीय कर बढ़ाया। अब केंद्र ने अपनी बढ़ोत्तरी का 50% वापस लिया है तो राज्यों से कटौती किए जाने की अपील की जा रही है। क्या यही संघवाद है?