ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में आज दूसरे दिन सर्वे शुरू हो चुका है। मस्जिद परिसर के आसपास सिक्योरिटी के पुख्ता प्रबंध किए गए हैं। आस पास भारी सुरक्षा कर्मियों की तैनाती की गई है। वहीं, इस दौरान काशी विश्वनाथ में दर्शन करने वालों के लिए सिर्फ एक गेट खुला छोड़ा गया है, बाकी सभी गेट बंद कर दिए गए हैं। सिर्फ एक गेट से सर्वे टीम को अंदर एंट्री दी गई है।
आज दूसरे दिन सर्वे टीम की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। सर्वे के लिए कमीशन के सभी सदस्य अंदर प्रवेश कर चुके हैं और सर्वे शुरू हो चुका है। ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे में किसी तरह की कोई बाधा नहीं आ रही है। दोनों पक्ष मीडिया में कमीशन की टीम का सहयोग करने की बात कह रहे हैं।
आज सर्वप्रथम ज्ञानवापी मस्जिद की पहली मंजिल का सर्वे हुआ और इसके बाद गुंबदों का सर्वे किया गया। इसके साथ साथ एक कमरा जिसमें मलबा भरा गया है उसका भी सर्वे किया जा सकता है। ज्ञानवापी परिसर की पश्चिमी दीवार का भी सर्वे आज होना है।
वहीं, हिंदू पक्ष के सूत्रों का कहना है कि गुंबद की साइड में सर्वे के समय एक दीवार पर हिंदू पद्धति के कुछ प्रतीक चिन्ह दिख रहे हैं। उस पर सफेद चूने से रंग आ गया है। सर्वे कर रही टीम ने इसकी वीडियोग्राफी की और प्रतीक चिह्न का भी जिक्र किया है। सूत्रों के मुताबिक ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर सात-आठ फीट का ढेर मिला है, इसे सफेद पेंट से ढका हुआ है, उसे हटाया जाएगा और गहनता से इसका अध्ययन किया जाएगा।
वहीं, वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद में कोर्ट के आदेश पर 5 तहखानों की वीडियोग्राफी हुई है। सर्वे में दोनों पक्ष सहयोग करते दिखाई दिए। वहीं, पिछले कल सर्वे के बाद हिंदू पक्ष का दावा था कि सभी सबूत हमारे समर्थन में हैं। तहखानों में मूर्तियों के भग्नावशेष मिले हैं। तहखाने को मिट्टी से भर दिया गया था। इसे हटाकर साफ किया गया है। लिंगायत समाज में काशी में लिंग दान का परंपरा रही है, तहखाने में उसी परम्परा के टूटे हुए लिंग पाए गए हैं।