पश्चिम बंगाल के श्रमिकों को नहीं मिली ट्रेन में जगह, गुरुग्राम से वापस लाकर बस अड्डे पर छोड़ा

By  Arvind Kumar May 31st 2020 06:18 PM

बहादुरगढ़। (प्रदीप धनखड़) बहादुरगढ़ से पश्चिम बंगाल जाने वाले श्रमिकों को गुड़गांव में ट्रेन में बैठने के लिए जगह नहीं मिली जिसके चलते उन्हें वापस बहादुरगढ़ लाया गया। लेकिन प्रशासन द्वारा श्रमिकों को बस स्टैंड पर लावारिस छोड़ दिया गया। इनके घरों तक आने-जाने, खाने-पीने और रहने की कोई व्यवस्था प्रशासन द्वारा नहीं की गई। छोटे बच्चे और महिलाएं सिर पर छत और खाने के लिए भोजन नहीं होने के कारण काफी परेशान दिखाई दिए। हालांकि यहां सोशल डिस्टेंस की भी कमी दिखाई दी क्योंकि सभी श्रमिक एक दूसरे से सात कर खड़े हुए थे।

दरअसल शनिवार को बहादुरगढ़ से 376 प्रवासी श्रमिकों को पश्चिम बंगाल स्थित उनके घरों की तक पहुंचाने की व्यवस्था प्रशासन द्वारा की गई थी। इन श्रमिकों का पहले मेडिकल परीक्षण किया गया और बाद में रोडवेज की बसों में बैठाकर इन्हें गुडगांव रेलवे स्टेशन ले जाया गया। लेकिन वहां ट्रेन में बैठाने के लिए सिर्फ 1500 मजदूरों के लिए व्यवस्था की गई थी। लेकिन वहां पर करीब 3000 मजदूर पहुंच गए जिसके चलते बहादुरगढ़ के प्रवासी श्रमिकों को वापस लौटना पड़ा। लेकिन प्रशासन की लापरवाही का नमूना देखिए कि इन प्रवासी श्रमिकों के लिए रात के समय ना तो खाने-पीने की व्यवस्था की गई, ना ही रहने की। बहादुरगढ़ बस स्टैंड पर इन्हें इनके हाल पर लावारिस छोड़ दिया गया।

मजदूरों का कहना है कि वह किराए के मकानों में रहते थे और मकान मालिक का पूरा हिसाब किताब करके अपने घरों की तरफ जाने के लिए निकले थे। अब कोई भी मकान मालिक उन्हें वापस अंदर घुसने नहीं देगा क्योंकि सभी को कोरोनावायरस से संक्रमित होने का खतरा है। ऐसे में उन्होंने सरकार से उन्हें उनके घरों तक भिजवाने की व्यवस्था करवाने की मांग की है।

इन लोगों को देखकर रास्ते से गुजर रहे समाजसेवी सुरेंद्र चुघ ने इन्हें खाना देने का आश्वासन दिया। लेकिन रहने की व्यवस्था करने में वह भी असमर्थ दिखाई दिए। अपने घरों तक जाने की आस लिए यह श्रमिक बेहद परेशान है और आरोप है कि कोई भी प्रशासनिक अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहा।

---PTC News---

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