आज से हरियाणा में 410 मंडियों में शुरू होगी गेहूं की खरीद, सीसीटीवी की भी रहेगी नजर

By  Vinod Kumar April 1st 2022 11:20 AM

सरकार द्वारा प्रदेश भर की मंडियों में गेहूं की सरकार खरीद आज से शुरू हो गई है। इस बार चरखी दादरी की अनाजमंडी में सरकारी खरीद सीसीटीवी कैमरों की निगरानी में होगी। ताकि किसी भी प्रकार की गड़बड़ी नहीं हो। इस बार गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) 2015 रुपये प्रति क्विंटल है। गेहूं की खरीद खाद्य, आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग, हैफेड, हरियाणा राज्य भंडारण निगम व भारतीय खाद्य निगम (FCI) द्वारा की जाएगी। प्रदेश सरकार द्वारा गेहूं खरीद के लिए खरीद एजेंसियों के लिए मंडियों व खरीद केंद्रों का आवंटन कर दिया है। गेहूं की खरीद 15 मई 2022 तक होगी। Wheat crop, Wheat procured, grian market, Haryana किस जिले में कितनी मंडियां कुछ दिन पहले डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने बताया था कि सिरसा जिले में गेहूं खरीद के लिए 64 मंडियां बनाई गई है। इसी तरह फतेहाबाद में 51, कैथल में 41, जींद में 35, हिसार में 29, सोनीपत में 24 करनाल- कुरुक्षेत्र में 23-23, अंबाला में 15, पलवल-यमुनानगर में 13-13, पानीपत में 12, भिवानी में 11, झज्जर-रोहतक में 10-10, दादरी में 8, फरीदाबाद व महेंद्रगढ़ में 6-6, गुरुग्राम व नूंह में 5-5, पंचकुला व रेवाड़ी में 3-3 मंडियों में गेहूं की खरीद होगी। इस बार 410 मंडियों में गेहूं की खरीद करने का निर्णय लिया है। Wheat crop, Wheat procured, grian market, Haryana रविवार को भी खुलेंगी मंडियां उप मुख्यमंत्री ने यह भी बताया था कि क्षेत्रीय कार्यालय एवं मंडियों को रविवार के दिन भी खोलने का निर्णय लिया गया है। जिस एजेंसी को खरीद के लिए शनिवार का दिन अलॉट किया गया है वही एजेंसी रविवार को भी गेंहू की खरीद करेगी। एक अप्रैल से ही प्रदेश में चने व जौ की खरीद भी शुरू होगी। चने की खरीद के लिए 11 एवं जौ के लिए 25 मंडियां तय की गई हैं। वहीं, आढति भी खरीद तैयारियों को लेकर संतुष्ट दिखे। इस बार मार्केट कमेटी द्वारा मंडी के गेटों पर लगाए कांटों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। ताकि तुलाई व खरीद में किसी प्रकार की गड़बड़ी से बचा जा सके। मार्केट कमेटी द्वारा खरीद को लेकर बिजली-पानी, सफाई व अन्य प्रकार की तैयारियां पूरी कर ली हैं। अपनी फसल बेचने मंडी में आने वाले किसानों के लिए किसान रेस्ट हाउस में व्यवस्था की गई है। Wheat crop, Wheat procured, grian market, Haryana हालांकि सरकार ने भले ही इस बार गेहूं की सर्वाधिक कीमत रखी है, लेकिन बावजूद इसके किसानों के मंडी में पहुंचने की संभावनाएं कम ही नजर आ रही हैं। क्योंकि मंडी के बाहर ही गेहूं का जब ज्यादा मूल्य मिल रहा है, तो किसान मंडी क्यों जाएं। यह सवाल सरकारी एजेंसियों के खरीद लक्ष्य पर पानी फेर सकता है। मंडी आढ़ति एसोसिएशन के प्रधान रामकुमार रिटोलिया ने बताया कि मंडी में खरीद तैयारियों को लेकर वो संतुष्ट जरूर हैं। बावजूद इसके मंडियों में सरकारी खरीद के दौरान आवक कम आने की उम्मीद है। अगर सरकार गेहूं खरीद पर 500 रुपए बोनस दें तो मंडियां चल सकती हैं। अन्यथा एमएसपी रेट पर गेहूं की खरीद बहुत कम होगी।

Related Post