युवा किसान ने इंजीनियर की नौकरी छोड़ नई तकनीक से उगाई सब्जियां

By  Arvind Kumar February 22nd 2020 10:20 AM

गोहाना। सोनीपत जिले के गोहाना में रहने वाले युवा किसान सुनील कुमार ने इंजीनियर की नौकरी छोड़ खेती शुरू की है। सुनील पिछले 12 वर्षों से मोबाईल इंजीनियर में जॉब कर रहे थे। प्राइवेट नौकरी के साथ उनकी रुचि खेती में भी थी। उन्होंने इंटरनेट पर खेती की नई-नई तकनीकों के बारे में जानकारी जुटाई और बाद में हाइड्रोपोनिक खेती को अपनाया। सुनील कुमार ने बिना मिट्टी के खेती करने वाले एक स्टार्टअप फ्यूचर फार्म्स की शुरूआत की। जिसका सालाना टर्नओवर लाखों तक पहुंचाना चाहते हैं। इतना ही नहीं वह दूसरे किसानों को भी इस खेती का प्रशिक्षण दे रहे हैं।

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बता दें कि इस तकनीक की खास बात यह है कि इसमें मिट्टी का इस्तेमाल बिल्कुल भी नहीं होता है। इससे पौधों के लिए जरूरी पोषक तत्वों को पानी के सहारे सीधे पौधों की जड़ों तक पहुंचाया जाता है। हाइड्रोपानिक तकनीक में सब्जियां बिना मिट्टी की मदद से उगाई जाती हैं। पौधे एक मल्टी लेयर फ्रेम के सहारे टिके पाइप में उगते हैं और इनकी जड़ें पाइप के अंदर पोषक तत्त्वों से भरे पानी में छोड़ दी जाती है।हाइड्रोपोनिक्स के जरिए सुनील कुमार मिट्टी के बिना अपने घर की छत 200 वर्ग जगह पर ही खेती करते हैं।

पौधे उगाने की यह तकनीक पर्यावरण के लिए काफी अनुकूल होती है। इन पौधों के लिए कम पानी की जरूरत होती है जिससे पानी की बचत होती है। कीटनाशकों के भी काफी कम प्रयोग की आवश्यकता होती है। यह तकनीक मानव श्रम भी बचाती है क्योंकि खेतों में काम करने के लिए काफी मानव श्रम की जरूरत पड़ती है जबकि, इस तकनीक में ज्यादा मानव श्रम की आवश्यकता नहीं रहती।

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युवा किसान सुनील कुमार का कहना है कि इस तरह की खेती करने से पैदा होने वाली सब्जियों का सेवन करने वाले को कोई बीमारी नहीं होती है। उन्होंने बताया कि अपने घर की छत पर ही हाइड्रोपोनिक खेती की शुरूआत कर दी है। इस खेती के लिए ज्यादा जमीन की जरूरत नहीं है और आज के समय में बहुत ज्यादा दवाई के कारण सब्जियों में कैंसर जैसी बीमारियां हो रही है, लेकिन इस खेती से सब्जियों में कोई बीमारी नहीं होती और सभी सब्जियां ऑर्गेनिक होती हैं। फिलहाल सुनील कुमार का कहना है कि उनका मकसद सिर्फ किसानों को नई तकनीक सिखाना है, और उसकी शुरूआत वह कर चुके हैं।

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