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अमेरिकी युवा वैज्ञानिक प्रतियोगिता की विजेता बनी भारतीय मूल की अनिका

Written by  Arvind Kumar -- October 21st 2020 03:22 PM
अमेरिकी युवा वैज्ञानिक प्रतियोगिता की विजेता बनी भारतीय मूल की अनिका

अमेरिकी युवा वैज्ञानिक प्रतियोगिता की विजेता बनी भारतीय मूल की अनिका

नई दिल्ली। विज्ञान के माध्यम से किसी समस्या का समाधान निकालने की वास्तव में कोई उम्र नहीं होती। भारतीय मूल की अमेरिकी किशोरी अनिका चेब्रोलू ने अपने एक शोध से इसे सही साबित कर दिखाया है। केवल 14 वर्ष की उम्र में अपनेशोध के लिए उन्हें 25 हजार डॉलर यानी करीब 18 लाख रुपये की पुरस्कार राशि प्राप्त हुई है। अनिका का यह शोध वैश्विक महामारी बन चुके कोविड-19 का संभावित ईलाज तलाशने में उपयोगी हो सकता है। उल्लेखनीय है कि कोविड-19 का कारगर उपचार तलाशने में दुनिया भर के वैज्ञानिक दिन-रात जुटे हुए हैं। इस किशोरी के शोध में वैज्ञानिकों को संभावनाएं दिख रही हैं। यह भी पढ़ें- हरियाणा: राज्य शिक्षक पुरस्कार-2020 के लिए ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित [caption id="attachment_442139" align="aligncenter" width="700"]3M Young Scientist Challenge अमेरिकी युवा वैज्ञानिक प्रतियोगिता की विजेता बनी भारतीय मूल की अनिका[/caption] अनिका के परिवार की पृष्ठभूमि मूलतः आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले से जुड़ी है। 3एम यंग साइंटिस्ट चैलेंज नामक इस प्रतियोगिता में उन्होंने अपनी छाप ऐसे समय में छोड़ी है, जब दुनिया कोविड-19 जैसी वैश्विक महामारी से जूझ रही है। इस प्रतियोगिता का आयोजन अमेरिका के मिनिसोटा में स्थित एक प्रमुख विनिर्माण कंपनी3एम द्वारा किया जाता है। यह भी पढ़ें- बरोदा उपचुनाव के चलते 3 नवंबर को ‘ड्राई डे’ घोषित अनिका ने अंतिम चरण में नौ प्रतिद्वंद्वियों को मात देकर यह पुरस्कार हासिल किया है। इन पुरस्कारों की घोषणा करते हुए 3एम प्रतियोगिताकी वेबसाइट www.youngscientistlab.com पर अनिका की उपलब्धि के बारे में जानकारी दी गई है। [caption id="attachment_442140" align="aligncenter" width="700"]3M Young Scientist Challenge अमेरिकी युवा वैज्ञानिक प्रतियोगिता की विजेता बनी भारतीय मूल की अनिका[/caption] educareकोविड-19 जैसी भयंकर महामारीसार्स-सीओवी-2 नामक वायरस के संक्रमण के चलते होती है। ऐसे में, वायरस के प्रसार को निष्क्रिय करना बेहद आवश्यक है। अनिका ने इसके लिए एक मॉलिक्यूल यानी अणु की खोज की है। बताया जाता है कि यह मॉलिक्यूल इन-सिलिको प्रक्रिया के जरिये वायरस को एक स्पाइक प्रोटीन में बांधकर उसे फैलने से रोक सकता है। अनिका ने वर्चुअल तरीके से इसे प्रस्तुत करके दिखाया है। अपनी इस सफलता पर खुशी व्यक्त करते हुए अनिका ने कहा कि 'मैं अमेरिका के शीर्ष युवा वैज्ञानिकों की सूची में शामिल होकर खुश हूँ।" [caption id="attachment_442141" align="aligncenter" width="700"]3M Young Scientist Challenge अमेरिकी युवा वैज्ञानिक प्रतियोगिता की विजेता बनी भारतीय मूल की अनिका[/caption] अमेरिकी के टेक्सास में रहने वाली अनिका कुछ समय पहले एक किस्म के फ्लू की चपेट में आ गई थीं और उससे उबरने के प्रयासों के बीच ही उन्हें इस दिशा में शोध करने की प्रेरणा मिली। हालांकि, शुरुआत में कोरोना कहीं उनके दिमाग में नहीं था। 3एम वेबसाइट पर इस स्पर्धा की सूचना मिलने पर उन्होंने इसमें शामिल होने का फैसला किया। अथक प्रयत्न और समर्पण से आखिरकार उनकी झोली में यह पुरस्कार आ गया। अनिका जीवन और समस्त ब्रह्मांड का आधार विज्ञान को मानती हैं, जिसे पूरी तरह समझने में सतत और अधिक प्रयास करने होंगे। भविष्य में अनिका एक मेडिकल शोधकर्ता और प्रोफेसर बनने का इरादा रखती हैं। (इंडिया साइंस वयार)


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