पदक तालिका में नुकसान से बचने के लिए ऑस्ट्रेलिया ने 2026 CWG से कुश्ती को किया बाहर, हरियाणा के रेसलर निराश
भिवानी/किशन सिंह: ऑस्ट्रेलिया के विक्टोरिया होने वाले कॉमनवेल्थ 2026 गेम्स में शूटिंग की वापसी होगी तो वहीं कुश्ती और तीरंदाजी को इस आयोजन से बाहर रखा गया है। राष्ट्रमंडल खेल महासंघ और राष्ट्रमंडल खेल ऑस्ट्रेलिया ने संयुक्त रूप से 2026 में आयोजित होने वाले कॉमनवेल्थ गेम्स की सूची की घोषणा कर दी है। 2022 के कॉमनवेल्थ खेलों में भारत ने कुल 22 गोल्ड मेडल जीते। इनमें से 6, यानी हर चौथा गोल्ड मेडल रेसलिंग में मिला। अगले कॉमनवेल्थ खेलों में हमारे सबसे मजबूत खेलों में से एक को बाहर कर दिया गया है। ऑस्ट्रेलिया में कुश्ती को ज्यादा पहचान नहीं मिल पाई है। इस साल हुए कॉमनवेल्थ में भी ऑस्ट्रेलिया को मात्र दो पदक ही मिले थे। ऐसे में ऑस्ट्रेलिया ने कॉमनवेल्थ गेम्स से कुश्ती को ही बाहर कर दिया, ताकि पदक तालिका में उसे नुकसान ना हो। कुश्ती प्रतियोगिता को कॉमनवेल्थ गेम्स में शामिल ना करने पर भिवानी के खिलाड़ियों ने नाराजगी जाहिर की है उन्होंने कुश्ती को कॉमनवेल्थ गेम में शामिल करने की अपील की है। कॉमनवेल्थ गेम्स से कुश्ती का बाहर होना भारत के लिए बहुत बड़ा झटका है। इस साल कॉमनवेल्थ गेम्स में भारतीय पुरुष और महिला पहलवानों का दबदबा रहा, उन्होंने सभी 12 भार वर्गों में पदक जीते। 2010 के बाद से, लगातार चार प्रतियोगिताओं में कुश्ती शामिल रही है, लेकिन ऑस्ट्रेलिया में कुश्ती बहुत लोकप्रिय खेल नहीं है। कॉमनवेल्थ गेम्स के लिए खेलों का चयन मेजबान देश द्वारा ही किया जाता है। तीरंदाजी केवल दो बार 1982 और 2010 में कॉमनवेल्थ गेम्स में शामिल हुआ है। दूसरी बार भारत इस खेल की पदक तालिका में दूसरे स्थान पर था। इसलिए 2026 कॉमनवेल्थ गेम्स में तीरंदाजी को शामिल न करने का असर भारत पर भी पड़ सकता है। आप को बता दें कि कुछ महीने पहले 2026 कॉमनवेल्थ गेम्स के लिए खेलों की शुरुआती सूची की घोषणा की गई थी और इसमें निशानेबाजी, कुश्ती और तीरंदाजी को शामिल नहीं किया गया था। इसके बाद भारतीय ओलंपिक संगठन ने राष्ट्रमंडल खेल महासंघ को पत्र लिखकर अपनी नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा कि इन तीनों खेलों का बहिष्कार चौंकाने वाला था। तब शूटिंग को अंतिम सूची में शामिल किया गया । वहीं कुश्ती खिलाड़ी कॉमन्वेल्थ गेम से कुश्ती को हटाने से नाराज है। खिलाड़ियों का कहना है कि सरकार को इसके लिए सख्ती से लड़ाई लड़नी चाहिए। उन्होंने कहा कि कुश्ती के लिए काफी मेहनत करनी पड़ती है, जिससे शरीर तंदुरुस्त भी रहता है। खिलाड़ियों ने कहा कि इसके जरिए आर्मी,पुलिस जैसी भर्ती खिलाड़ी देख सकता है उन्होंने कहा कि सबसे ज्यादा मेडल देने वाला ये गेम इस बार कॉमन्वेल्थ मे ही नहीं है। ब