देश में सामने आया अब तक का सबसे बड़ा बैंक घोटाला, कंपनी ने 28 बैंकों को लगाया 22842 करोड़ का चूना
Bank fraud case: देश में एक बार फिर बड़ा बैंक घोटाला सामने आया है। इसे अब तक का सबसे बड़ा बैंक घोटाला माना जा रहा है। सीबीआई (CBI) ने एबीजी शिपयार्ड लिमिटेड (ABG Shipyard Company) और एबीजी इंटरनेशनल के खिलाफ बैंक धोखाधड़ी केस (Bank Fraud Case) का केस दर्ज किया है। दोनों एक ही ग्रुप की कंपनिया हैं। एफआईआर में कंपनी के तत्कालीन अध्यक्ष-एमडी समेत अन्य के खिलाफ केस दर्ज किया है। इन पर 28 बैंकों के साथ 22,842 करोड़ रुपये से ज्यादा की धोखाधड़ी का आरोप है। कंपनी ने SBI से 2,925 करोड़ रुपये का कर्ज लिया, लेकिन चुकाया नहीं। उन्होंने कई और बैंकों से भी कर्ज लिया और कभी भुगतान नहीं किया। एफआईआर के मुताबिक, इस कंपनी ने तमाम नियम कानूनों को ताक पर रखकर बैंकों के समूह को चूना लगाया। बैंकों के साथ-साथ एलआईसी के साथ भी 136 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की है। कंपनी जहाज निर्माण और जहाज की मरम्मत का काम करती है। इसके शिपयार्ड गुजरात के दहेज और सूरत में स्थित हैं। [caption id="attachment_557189" align="alignnone" width="700"] कॉन्सेप्ट इमेज[/caption] स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए सीबीआई ने एबीजी शिपयार्ड के निदेशक ऋषि अग्रवाल और संथानम मुथुस्वामी को आरोपी के रूप में नामजद करते हुए केस दर्ज किया है। एफआईआर के मुताबिक घोटाले का समय अप्रैल 2012 से जुलाई 2017 तक बताया गया है। यह सीबीआई द्वारा दर्ज सबसे बड़ा बैंक धोखाधड़ी का मामला है। क्योंकि यह नीरव मोदी से भी बड़ा घोटाला है। [caption id="attachment_588307" align="alignnone" width="700"] कॉन्सेप्ट इमेज[/caption] आरोप है कि बैंकों से फ्रॉड किए गए पैसे को विदेशों में भी भेजा गया और काफी प्रॉपर्टी खरीदी गई। तमाम नियम कानूनों को ताक पर रखकर पैसा एक कंपनी से दूसरी कंपनी में भेजा गया। एसबीआई की शिकायत के मुताबिक कंपनी के पास आईसीआईसीआई बैंक के 7089 करोड़, 3634 करोड़ रुपये आईडीबीआई बैंक, 1614 करोड़ रुपये बैंक ऑफ बड़ौदा, 1244 करोड़ पंजाब नेशनल बैंक, 1228 करोड़ रुपये इंडियन ओवरसीज बैंक के हैं। कई बैंक ने आंतरिक जांच शुरू की, जिसमें पाया गया कि कंपनी अलग-अलग संस्थाओं को धन भेज रही। बैंक ने सबसे पहले 8 नवंबर, 2019 को शिकायत दर्ज कराई थी, जिस पर सीबीआई ने 12 मार्च, 2020 को स्पष्टीकरण मांगा था। बैंक ने उस साल अगस्त में एक नई शिकायत दर्ज कराई। डेढ़ साल से अधिक समय तक "जांच" करने के बाद, सीबीआई ने 7 फरवरी, 2022 को प्राथमिकी दर्ज करने वाली शिकायत पर कार्रवाई की। [caption id="attachment_588306" align="alignnone" width="700"] कॉन्सेप्ट इमेज[/caption] एजेंसी ने अग्रवाल के अलावा तत्कालीन कार्यकारी निदेशक संथानम मुथास्वामी, निदेशकों - अश्विनी कुमार, सुशील कुमार अग्रवाल और रवि विमल नेवेतिया और एक अन्य कंपनी एबीजी इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ भी कथित रूप से आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी, आपराधिक विश्वासघात और आधिकारिक दुरुपयोग जैसे अपराधों के लिए मुकदमा दर्ज किया।