अब 2013 की HCS परीक्षा पर विवाद, सीएम ने दिए जांच के आदेश
चंडीगढ़: हरियाणा में इन दिनों नौकरियों में फर्जीवाड़े के मुद्दे को लेकर पक्ष-विपक्ष में संग्राम चल रहा है। विधानसभा के शीतकालीन सत्र की दो दिन की कार्रवाई के दौरान विपक्ष ने एचपीएससी में हुए भर्ती घोटालों को लेकर सरकार को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी। वहीं, अब प्रदेश सरकार ने भी वर्ष 2013 में कांग्रेस के समय हुई भर्ती पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सदन की मंजूरी के बाद इस मामले की जांच के आदेश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने बताया कि उनके पास एक शिकायत आई है, जिसमें उम्मीदवार का आरोप है कि परीक्षा पास करने के बावजूद उनको साक्षात्कार के लिए नहीं बुलाया गया था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2011 में निकली यह भर्ती 2013 में संपन्न हुई थी। इस भर्ती में 17 उम्मीदवार ऐसे थे जो सीधे सीएमओ (मुख्यमंत्री कार्यालय), अधिकारियों या नेताओं के रिश्तेदार हैं। उस समय भी भर्ती को लेकर विवाद हुआ था, लेकिन हमारी सरकार के समय इतनी अधिक प्रतिशत में नेताओं और अधिकारियों के जानकारों को नौकरियां नहीं मिली।
[caption id="attachment_560166" align="alignnone" width="300"] फाइल फोटो[/caption]
हुड्डा सरकार पर हमला बोलते हुए सीएम ने कहा कि नेताओं और अधिकारियों के रिश्तेदार या बच्चे काबिल हो सकते हैं, लेकिन हमारी सरकार इनकी प्रतिशतता में कमी आई है। मौजूदा समय में खर्ची पर्ची नहीं चलती, ये कार्य पहले की सरकारों में होता था। एचपीएससी द्वारा 10 पदों को लेकर दस्तावेज जांच को लेकर सीएम ने कहा कि इन भर्ती की जिम्मेदारी नागर के पास नहीं थी, बल्कि सचिव भूपेंद्र सिंह के पास थी।
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भूपेंद्र सिंह हुड्डा (फाइल फोटो)[/caption]
मनोहर लाल ने कहा कि एचपीएससी के चेयरमैन भूपेंद्र सिंह के बेटे व रिश्तेदार डेंटल और एचसीएस प्री परीक्षा में बैठे थे। इसलिए उन्होंने इन परीक्षाओं की गोपनीयता की जिम्मेदारी लेने से नैतिकता के आधार पर मना कर दिया था। बाद में यह जिम्मेदारी चेयरमैन ने उप सचिव नागर को सौंप दी थी।
किरण चौधरी के एक और सवाल का जबाव देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि नागर ने अश्विनी (पारू डेटा सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड) को एचसीएस प्रारंभिक और डेंटल सर्जन की ओएमआर शीट की स्कैनिंग के लिए काम पर रखा था। जसबीर सिंह स्वामित्व वाली मेसर्स सफेडोट सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड को काम नहीं दिया गया था। आयोग ने 25 अप्रैल 2013 को मेसर्स सफेडॉट ई-सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड को ऑनलाइन आवेदन पत्र आमंत्रित करने से संबंधित कार्य आवंटित किया था।
3 सितंबर 2019 को कंपनी की सेवाओं को इस आधार पर बंद कर दिया गया था कि उसका काम संतोषजनक नहीं है और यह तत्काल कार्यों में देरी का कारण बनता है। वहीं, स्कैनिंग एजेंसी को ब्लैक लिस्ट करने और उक्त दो लिखित परीक्षाओं के बारे में निर्णय हरियाणा राज्य चौकसी ब्यूरो से रिपोर्ट के बाद आयोग द्वारा लिया जाएगा। एचपीएससी में 2014 से उप सचिव का पद सृजित है।
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सीएम मनोहर लाल[/caption]
मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग ने स्वयं ओएमआर शीट्स को जांच के लिए पुलिस को भेजा है। राज्य चौकसी ब्यूरो ने कोई जांच नहीं की है और एचएसएससी द्वारा विजिलेंस ब्यूरो को कोई दस्तावेज/ ओएमआर शीट नहीं दी गई थी। हालांकि, एचएसएससी ने 16 जुलाई 2021 से 26 सितम्बर 2021 तक की अवधि के दौरान आयोजित परीक्षाओं में उम्मीदवारों द्वारा खाली छोड़ी गई ओएमआर शीट की एक सूची स्वयं तैयार की है और इसे डीजीपी को भेजा है। इन उम्मीदवारों से पूछा जा रहा कि किसके कहने पर उन्होंने सीट खाली छोड़ी थी।