जेजेपी और बीजेपी की गठबंधन सरकार के कद्दावर मंत्रियों के बीच आए मतभेद
चंडीगढ़। खट्टर सरकार में मंत्रिमंडल का विस्तार हुए अभी एक सप्ताह भी नहीं बीता है और हरियाणा में जेजेपी और बीजेपी की गठबंधन सरकार के मंत्रियों के बीच मतभेद सामने आने लगे हैं। बीजेपी के गब्बर यानी अनिल विज और सरकार में उप मुख्यमंत्री जेजेपी प्रमुख दुष्यंत चौटाला धान खरीद मामले में आमने सामने हैं। दुष्यंत धान खरीद मामले में चोरी पर शक जाहिर होने और फिर राइस मिलर्स पर एक्शन लेने पर अपनी पीठ थपथपा रहे हैं तो वहीं प्रदेश के गृह मंत्री अनिल विज दुष्यंत से बिलकुल उल्ट घोटाला न होने और राईस मिलर्स को क्लीन चिट देने का काम कर रहे हैं। [caption id="attachment_362422" align="alignnone" width="700"] जेजेपी और बीजेपी की गठबंधन सरकार के कद्दावर मंत्रियों के बीच आए मतभेद[/caption] सूबे में धान खरीद घोटाले का मामला तूल पकड़ने लगा है। आपको बता दे कि इस मामले को लेकर खाद्य आपूर्ति विभाग की कमान संभाल रहे दुष्यंत चौटाला उप मुख्यमंत्री बनने के बाद से ही कई बार बयान दे चुके हैं कि वो किसानों की धान की फसल का एक एक दाना खरीदेंगे । बस इतना ही नहीं कांग्रेस द्वारा धान खरीद मामले को लेकर उठाये जा रहे घोटाले के सवालों पर भी उप मुख्यमंत्री खुद की पीठ थपथपा कर ये बयान दे रहे हैं कि हरियाणा में राजस्व के लुटेरों को बख्शा नहीं जायेगा। गौरतलब है कि धान खरीद मामले को लेकर उठ रहे सवालों के बाद अब सरकार ने राईस मीलों से धान के एक भी दाने के बाहर निकलने और अंदर जाने पर पाबंदी लगा दी है। जिसके तहत राईस मीलों के बाहर ड्यूटी मजिस्ट्रेट भी तैनात कर दिए गए हैं जो राईस मीलों के बाहर सख्त पहरा दे रहे हैं। [caption id="attachment_362424" align="alignnone" width="700"] जेजेपी और बीजेपी की गठबंधन सरकार के कद्दावर मंत्रियों के बीच आए मतभेद[/caption] वहीँ दूसरी और हरियाणा के गृह मंत्री दुष्यंत चौटाला के विपरीत राईस मिलरों को क्लीन चिट देते नजर आ रहे हैं। मामले को लेकर अनिल विज ने कहा कि ऐसा कोई घोटाला नहीं हुआ ये तो सरकार ने अपनी धान पर नजर रखने के लिए अपने नुमाइंदे राईस मिलों में बिठाये हैं। विज का कहना है कि राईस मिल संदेह के घेरे में नहीं हैं ये तो ज्वाइंट कस्टडी होती है। ऐसे में सरकार अगर अपना आदमी मिल के बाहर खड़ा करती है तो इसका ये मतलब नहीं है कि कोई घोटाला हुआ है। वहीँ विज ने मामले में किसी भी प्रकार की जांच जारी होने की बातों को भी पूरी तरह से खारिज कर डाला। यह भी पड़ें: हरियाणा पुलिस के 6 पुलिस अधिकारी हुए गृह मंत्री पदक से अलंकृत इस मामले को लेकर हमने राइस मिलरों से भी हकीकत जानी तो राईस मिलर भी अनिल विज के सुर में सुर मिलाते नजर आये। राईस मिलरों की माने तो सरकार ने आदेश दिए हैं कि सरकार की धान का एक भी दाना न तो मिल से बाहर जायेगा और न ही मिल के अंदर आएगा। मिल संचालकों की माने तो ये सरकार का माल है सरकार इसे लेकर जो भी चाहे आदेश दे सकती है उन्हें इसमें कोई आपत्ति नहीं है। जिस तरह से नई नवेली सरकार के शुरूआती दिनों में ही दोनों पार्टियों के नेताओं के बीच का आपसी मतभेद आने वाले समय में क्या रुख अख्तियार करेगा ये तो समय ही बताएगा मगर मौजूदा हालात इस और इशारा कर रहे हैं कि शायद बीजेपी-जेजेपी गठबंधन को विपक्ष की जरूरत नहीं है ये गठबंधन में रहकर भी खुद एक दूसरे के लिए विपक्ष की भूमिका अदा करेंगे। ---PTCNews---