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चंडीगढ़ में नहीं है हरियाणा के लोगों का मान सम्मान, कुरुक्षेत्र को बनाया जाए प्रदेश की राजधानी: कर्ण दलाल

Written by  Vinod Kumar -- May 19th 2022 05:42 PM
चंडीगढ़ में नहीं है हरियाणा के लोगों का मान सम्मान, कुरुक्षेत्र को बनाया जाए प्रदेश की राजधानी: कर्ण दलाल

चंडीगढ़ में नहीं है हरियाणा के लोगों का मान सम्मान, कुरुक्षेत्र को बनाया जाए प्रदेश की राजधानी: कर्ण दलाल

हरियाणा के पूर्व मंत्री और वरिष्ठ कांगेस नेता कर्ण दलाल ने प्रदेश की अलग राजधानी बनाने की मांग उठाते हुए कहा कि अब समय आ गया है कि हरियाणा सरकार को अलग से राजधानी बनानी चाहिए। उन्होंने कुरुक्षेत्र को हरियाणा की राजधानी बनाने का पुरजोर समर्थन करते हुए कहा कि कुरुक्षेत्र एक ऐतिहासिक एवं धार्मिक तीर्थ स्थल है। इसे राजधानी बनाने से विश्व भर में कुरुक्षेत्र की ख्याति फैलेगी। कर्ण दलाल ने कहा कि चंडीगढ 27 हजार एकड़ में फैला हुआ है। इसका 40 प्रतिशत हिस्सा जोकि 11 हजार एकड़ बनता है हरियाणा का है। इस 11 हजार एकड़ भूमि का क्लेक्टर रेट से पैसा पंजाब सरकार या केंद्र सरकार हरियाणा को पैसा दे, ताकि हरियाणा की अलग राजधानी बनाई जा सके। karan dalal, kurukshetra, haryana capital , haryana उन्होने कहा कि चंडीगढ में हरियाणा की हैसियत एक किराएदार जैसी है। यह शहर अब बूढ़ा हो चुका है। अब तो पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान खुद चंडीगढ को मांग रहें हैं इसलिए हरियाणा सरकार को देरी न करके अलग राजधानी बनाने की दिशा में पहल करनी चाहिए। उन्होने कुरुक्षेत्र को राजधानी बनाने की पुरजोर पैरवी करते हुए कहा कि चौ. बंसीलाल की सरकार में जब वो मंत्री थे तो उस समय चौ. बंसीलाल का सपना कुरुक्षेत्र को हरियाणा की राजधानी बनाने का था, लेकिन बदलते हालात के कारण चौ. बंसीलाल इसे अमलीजामा नही पहना सके। अब समय आ गया है कि इस धार्मिक और ऐतिहासिक शहर को राजधानी बनाने के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल को पहल करनी चाहिए। karan dalal, kurukshetra, haryana capital , haryana पलवल से पांच बार विधायक रह चुके कर्ण दलाल ने चंडीगढ को राजनेताओं और बाबूओं का शहर बताते हुए कहा कि इस शहर में हरियाणा के लोगों का कोई मान सम्मान नही है। उन्होने कहा कि हरियाणा के पलवल और होडल जैसे दूर दराज से चंडीगढ आने वाले लोगों का 2200 रूपए तो टोल ही लग जाता है। karan dalal, kurukshetra, haryana capital , haryana एसवाईएल का जिक्र करते हुए कर्ण दलाल ने कहा कि पानी के बंटवारे के लिए गठित इराड़ी आयोग की ओर हरियाणा सरकार कोई ध्यान नहीं दे रही। इस आयोग ने हरियाणा को मिलने वाले सतलुज और रावी के पानी का बंटवारा करना है। आयोग के दफ्तर में बैठे बाबूओं को केवल तनख्वाह दी जा रही है। सुप्रीम कोर्ट ने एसवाईएल को लेकर हरियाणा के हक में फैसला दिया हुआ है।


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