डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला का तोहफा, इन महिलाओं को स्कूटी देने की घोषणा
जींद/चंडीगढ़। प्रदेश के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर पंचायती राज संस्थाओं की महिला प्रतिनिधियों को तोहफा देते हुए कहा कि जिन्होंने अपने वार्ड एवं गांवों के विकास एवं समाजोत्थान में उत्कृष्ट भूमिका निभाई है, उन सभी जनप्रतिनिधियों को राज्य सरकार की ओर से एक-एक स्कूटी प्रोत्साहन के रूप में उपलब्ध करवाई जायेगी। डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने यह घोषणा जींद में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य पर आयोजित जिला स्तरीय कार्यक्रम को संबोधित करते हुए की। उन्होंने कहा कि उत्कृष्ट कार्य करने वाली पंचायती राज संस्थाओं की महिला जनप्रतिनिधियों को स्कूटी उपलब्ध करवाने के लिए पंचायती राज विभाग के अधिकारियों को निर्देश जारी कर कहा गया है कि यह कार्य चालू माह में ही पूरा करवाना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि महिलाओं के सहयोग के बिना कोई समाज, प्रदेश एवं देश विकास नहीं कर सकता है, इसलिए महिलाओं को देश एवं प्रदेश के विकास के लिए आगे आकर अपनी भूमिका निभानी होगी। हरियाणा एक ऐसा प्रदेश है जहां पंचायती राज संस्थओं के शिक्षित जनप्रतिनिधि चुने जाते है। [caption id="attachment_394210" align="aligncenter" width="700"] डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला का तोहफा, इन महिलाओं को स्कूटी देने की घोषणा[/caption] दुष्यंत ने कहा कि शिक्षित जनप्रतिनिधियों का चुनाव होने से पंचायती राज संस्थाओं में फर्जीवाड़ा काफी हद तक कम हुआ है, क्योंकि जनप्रतिनिधि हर कागज को पढ़कर हस्ताक्षर करते हैं। यह निर्णय प्रदेश के विकास में काफी कारगर साबित हो रहा है। उन्होंने कहा कि महिलाएं आज किसी भी क्षेत्र में पुरूषों से कमतर नहीं है, वे हर क्षेत्र में पुरूषों के साथ न केवल कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रही हैं बल्कि कई क्षेत्रों में अव्वल भी साबित हो रही है। उन्होंने कहा कि महिलाओं के प्रति समाज की सोच लगातार सकारात्मक बदलाव आ रहा है। आज हर माता- पिता व अभिभावक अपनी बेटियों को ऊंच शिक्षा दिलाना चाहता है। उनके इस सपने को पूरा करने के लिए वर्तमान राज्य सरकार द्वारा भी ठोस सकारात्मक कदम उठाये जा रहे है। महिला महाविद्यालयों का निर्माण करवाया जा रहा है। शिक्षा के स्तर को ऊंचा उठाने के लिए भी प्रयास जारी है। उन्होंने महिला जनप्रतिनिधियों का आह्वान किया कि वे सरकारी बैठकों व कार्यक्रमों में प्रतिनिधि भेजने की बजाय खुद इनमें शामिल हो, तभी सही मायने में एक जनप्रतिनिधि अपना दायित्व निभा सकती है।