राम रहीम को पैरोल मिलना मुश्किल, पढ़िए क्या लिखा है कोर्ट के इस ऑर्डर में
चंडीगढ़। साध्वी यौन शोषण और छत्रपति हत्याकांड में सजा काट रहे डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम ने कृषि कार्य के लिए पैरोल मांगी है। लेकिन राम रहीम को पैरोल मिलना इतना आसान नहीं है। राम रहीम गंभीर मामलों में सजा काट रहा है। कोर्ट का मानना है कि राम रहीम को अगर पैरोल मिल जाती है तो प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ सकती है और साथ ही राम रहीम को फिर से गिरफ्तार करना मुश्किल हो सकता है। [caption id="attachment_311114" align="aligncenter" width="778"] राम रहीम को पैरोल मिलना मुश्किल, पढ़िए क्या लिखा है कोर्ट के इस ऑर्डर में[/caption] दरअसल कोर्ट ने यह बात अपने पिछले आदेश (10 मई 2019) में कही थी, जब राम रहीम ने अपनी मुंह बोली बेटी की शादी के लिए कोर्ट में पैरोल की अर्जी लगाई थी। ऐसे में अगर कोर्ट के इस आदेश पर गौर फरमाया जाए तो राम रहीम को पैरोल मिलना आसान नहीं होगा। [caption id="attachment_311115" align="aligncenter" width="778"] राम रहीम को पैरोल मिलना मुश्किल, पढ़िए क्या लिखा है कोर्ट के इस ऑर्डर में[/caption] उधर डेरा प्रमुख की पैरोल मामले में एक और मुश्किल राम रहीम के नाम से कृषि योग्य जमीन ना होना है। सिरसा तहसीलदार की पुलिस को सौंपी गई रिपोर्ट के मुताबिक राम रहीम के नाम कृषि योग्य कोई जमीन नहीं है, जो भी चल अचल भूमि है वह डेरा ट्रस्ट के नाम है। [caption id="attachment_311116" align="aligncenter" width="778"] राम रहीम को पैरोल मिलना मुश्किल, पढ़िए क्या लिखा है कोर्ट के इस ऑर्डर में[/caption] आपको बता दें कि पैरोल की अर्जी के बाद सुनारिया जेल अधीक्षक ने इस संबंध में सिरसा के उपायुक्त से रिपोर्ट मांगी है। पत्र में बताया गया है कि कैदी गुरमीत सिंह का जेल में आचरण अच्छा है और उसने जेल में कोई अपराध भी नहीं किया है। अब जिला प्रशासन को डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम की पैरोल को लेकर अपनी अनुशंसा सौंपनी है। प्रशासन को यह आकलन करना होगा कि डेरा प्रमुख की पैरोल के लिए अनुशंसा की जाए या नहीं। [caption id="attachment_311118" align="aligncenter" width="700"] राम रहीम को पैरोल मिलना मुश्किल, पढ़िए क्या लिखा है कोर्ट के इस ऑर्डर में[/caption] यह भी पढ़ें : सिरसा के दर्जनों गांवों के लोगों ने शुरू किया जल सत्याग्रह, यह है वजह गौरतलब है की राम रहीम को सीबीआई कोर्ट द्वारा 25 जुलाई 2017 को दो साध्वियों के साथ यौन शोषण का दोषी करार दिया गया था। सीबीआई कोर्ट ने 28 अगस्त को दोनों मामलों में उन्हें 10-10 साल की कैद और 15-15 लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई थी। इसके अतिरिक्त सांध्य दैनिक ‘पूरा सच’ के संपादक रामचंद्र छत्रपति की हत्या मामले में भी सीबीआई कोर्ट ने डेरा प्रमुख गुरमीत सिंह को दोषी करार दिया था। हत्या के इस मामले में कोर्ट ने गुरमीत सिंह को आजीवन कठोर कारावास और 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया था। इसके अतिरिक्त डेरा प्रमुख गुरमीत सिंह के दो मामले कोर्ट में ट्रायल पर हैं। इनमें एक रणजीत सिंह हत्या का और दूसरा डेरा प्रेमियों के अंडकोष निकालने का है। यह भी पढ़ें : क्या सुनारिया जेल से बाहर आएगा राम रहीम ?