आलू और प्याज की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए सरकार ने उठाए ये कदम
नई दिल्ली। आसमान छूती आलू-प्याज की कीमतों से जनता परेशान हैं। प्याज का रेट जहां 80 रुपए के आसपास है वहीं आलू भी 60 रुपए के आसपास बिक रहा है। ऐसे में अब सरकार ने सस्ती आलू और प्याज की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए इन्हें आयात करने का फैसला लिया है। उपभोक्ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि दिनांक 14 सितम्बर 2020 से प्याज के निर्यात पर सक्रियता से प्रतिबंध लगा दिया गया है। डीजीएफटी निजी कंपनियों द्वारा आयात की सुविधा प्रदान कर रहा है। दिनांक 23 अक्टूबर 2020 से आवश्यक वस्तु अधिनियम लागू करते हुए प्याज की स्टॉक सीमा थोक व्यापारी के लिए 25 मीट्रिक टन और खुदरा विक्रेता के लिए 2 मीट्रिक टन नियत कर दी गयी है। [caption id="attachment_445097" align="aligncenter" width="700"] आलू और प्याज की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए सरकार ने उठाए ये कदम[/caption] वहीं प्याज के बीजों का निर्यात 2020 से प्रतिबंधित है और प्याज की बढ़ती कीमतों को देखते हुए लोगों को राहत प्रदान करने के लिए बफर स्टॉक से प्याज का निपटान किया जा रहा है। यह भी पढ़ें- करण जौहर के प्रोडक्शन हाउस पर गोवा में कचरा फैलान का आरोप, कंगना रनौत ने साधा निशाना [caption id="attachment_445099" align="aligncenter" width="700"] आलू और प्याज की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए सरकार ने उठाए ये कदम[/caption] पीयूष गोयल ने यह भी कहा कि सरकार आलू की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए आवश्यक कदम सुनिश्चित कर रही है। आलू पर आयात शुल्क पहले 30 प्रतिशत था। अब, 31/01/2021 तक आलू के आयात के लिए 10% शुल्क दर पर 10 लाख मीट्रिक टन का कोटा अधिसूचित किया गया है। इसी तरह, दालों की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए कदम उठाए गए हैं। राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को बफर स्टॉक से दालों की आपूर्ति करके तीन दालों यानि मूंग, उड़द और अरहर दाल की खुदरा कीमतों में हस्तक्षेप किया गया है। बफर स्टॉक से 2 लाख मीट्रिक टन अरहर को अगले 15 दिनों में खुले बाजार में बिक्री के माध्यम से निपटाया जाना है। यह भी पढ़ें- दुष्यंत का दावा, बरोदा उपचुनाव में भारी मतों से भाजपा-जजपा गठबंधन दर्ज करेगा जीत आलू और प्याज की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए सरकार ने उठाए ये कदमवहीं केंद्रीय मंत्री ने बताया कि भारतीय खाद्य निगम और राज्य की एजेंसियां खरीफ फसल के चालू मौसम के दौरान रिकॉर्ड 742 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद करने जा रही हैं। जबकि पिछले साल 627 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद की गयी थी। खरीफ 2020-21 के लिए खरीद केंद्रों की संख्या भी 30,709 से बढ़ाकर 39,122 कर दी गई है।