आरटीई के तहत बच्चों को निशुल्क एडमिशन नहीं दिला पा रही हरियाणा सरकार, अभिभावकों की बढ़ी परेशानी
हरियाणा शिक्षा नियमावली के रूल 134ए को समाप्त कर आरटीई लागू करने वाली हरियाणा सरकार आरटीई के तहत भी बच्चों को मुफ्त एडमिशन नहीं दिला पा रही। सरकार व विभाग की तरफ से जारी किए गए शैड्यूल के अनुसार 16 अप्रैल से लाभार्थी अपने एक किलोमीटर के दायरे में आने वाले स्कूलों में जाकर आरटीई के तहत आवेदन कर सकते थे, लेकिन स्कूल संचालकों ने यह कहकर अभिभावकों का आवेदन लेने से इंकार कर दिया कि इस संबंध में वह खुद ही स्पष्ट नहीं कि आखिर कैसे काम करना है तो वह कैसे फार्म ले सकते हैं। एचपीएससी के प्रदेश उपाध्यक्ष प्रशांत मुंजाल ने कहा कि जब तक सरकार यह स्पष्ट नहीं करती कि आरटीई के तहत मुफ्त पढ़ाने पर कितनी रिइंवर्समेंट दी जाएगी, तब तक वह किसी भी बच्चे का आवेदन स्वीकार नहीं करेंगे। फिलहाल यह कहने में कोई गुरेज नहीं है कि बिना तैयारी के सरकार ने आरटीई लागू कर दी, जिसके कारण अभिभावक कभी स्कूल तो कभी डीईओ आफिस के चक्कर काट रहे हैं। प्रशांत मुंजाल ने कहा कि सरकार ने आरटीई लागू कर दी है। हमारी सरकार ने गुजारिश है कि हमें बताए कि यह कैसे लागू की जानी है, ताकि न तो हम परेशान हो और न ही बच्चा परेशान हो। आज तक केवल एक लेटर जारी हुआ है। स्कूलों को यह नहीं पता कि बच्चे कैसे अलॉट होंगे, बच्चे स्कूलों में आएंगे या फिर सरकार भेजेगी। स्कूलों को 134ए में जो दिक्कतें थी वह सभी दिक्कतें हैं। स्कूलों को रिइंवर्समेंट कितनी मिलेगी, कितने समय में मिलेगी। आरटीई लागू हो गई है, लेकिन अधर में लटकी है। एचपीएससी के उपाध्यक्ष प्रशांत मुंजाल ने कहा कि स्कूलों ने 134ए का भी विरोध केवल रिइंवर्समेंट नहीं मिलने पर किया था। उन्हें पैसा नहीं दिया जा रहा था। इसी कारण स्कूलों को कोर्ट जाना पड़ा, इसी कारण से कोर्ट से स्कूलों को स्टे मिला और सरकार को रूल 134ए खत्म करना पड़ा। नेबरहुड की पहचान स्कूल संचालक कैसे करें। जब स्कूल संचालकों के सवालों का जवाब मिलेगा, तभी तो एडमिशन कर पाएंगे। सरकार द्वारा शैड्यूल जारी कर दिए जाने के सवाल पर पर प्रशांत मुंजाल ने कहा कि अभी स्कूल संचालक किसी का कोई फार्म नही ले रहे। सरकार व शिक्षा विभाग के अधिकारी स्पष्ट करेंगे कि आखिर यह कैसे लागू किया जाएगा। जो स्कूल संचालकों की दिक्कत है उसपर चर्चा करें। प्रशांत ने फिर कहा कि सरकार रिइंवर्समेंट बताए कि कितनी दी जाएगी और जब तक यह नहीं बताया जाता तब तक कोई फार्म नहीं लिया जाएगा।