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साइबर अपराधी चढ़े पुलिस के हत्थे, ऐसे देते थे वारदात को अंजाम

Written by  Arvind Kumar -- September 16th 2020 05:17 PM -- Updated: September 16th 2020 05:20 PM
साइबर अपराधी चढ़े पुलिस के हत्थे, ऐसे देते थे वारदात को अंजाम

साइबर अपराधी चढ़े पुलिस के हत्थे, ऐसे देते थे वारदात को अंजाम

चंडीगढ़। हरियााणा पुलिस ने जिला पलवल से पांच ऐसे साईबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है जो बंद पड़े सिम कार्डों को फिर से चालू कर फर्जी दस्तावेज तैयार करते व बाद में फर्जी बैंक खाता खुलवाकर उन खातों को जालसाज लोगों को बेच देते थे। जालसाज लोग उन खातों की मदद से लोगों के पास फर्जी कॉल कर रुपये ऐंठ लेते हैं। पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से 9 मोबाइल फोन, 49 सिम कार्ड जिनमें 18 सिम कार्ड खाली है, 20 पासपोर्ट साइज फोटो, 8 डेबिट कार्ड, 3 पेटीएम एकाउंट साथ में एटीएम कार्ड, 18 आधार कार्ड व एक कार बरामद की है। Haryana Police unearth novel cyber crime, five held हरियाणा पुलिस के प्रवक्ता ने यह जानकारी देते हुए बताया कि 8 सिंतबर को मिली एक शिकायत पर एक मामला दर्ज किया गया था। जिसमें शिकायतकर्ता ने बताया कि उसके व उसकी बहन के नाम से किसी ने केनरा बैंक में फर्जी खाता खुलवा रखा है। यह भी पढ़ें: 8 वर्षीय बेटी की हत्या करने वाली अंधविश्वासी कलयुगी मां गिरफ्तार मामले की जांच करते हुए सीआईए टीम ने तीन लोगों को रजपुरा गांव से गिरफ्तार किया जिन्होंने अपना नाम तारीफ, सलीम व सब्बीर बताया। पूछताछ में आरोपियों ने अपने दो और साथियों का खुलासा किया जिनको गिरफ्तार करने पर उनकी पहचान प्रवीण कुमार व पंकज के रूप में हुई। आरोपियों में प्रवीण कुमार वोडाफोन कंपनी का रिटेलर है जो तारीफ व सलीम को फर्जी फ्लैक्सी व खाली सिम कार्ड उपलब्ध कराता था। सबसे पहले आरोपी खाली सिम कार्ड खरीदते और फर्जी फ्लैक्सी के माध्यम से उन नंबरो की जांच करते जो बंद हो गए हो। क्योंकि तीन महीने बाद कंपनियों द्वारा उन नंबरों को फिर से मार्किट में जारी कर दिया जाता है। Haryana Police unearth novel cyber crime, five held यह भी पढ़ें: लोगों के पैसे लेकर पोस्टमैन ‘फरार’, शिकायत पर विभाग ने बैठाई जांच आरोपी फिर सबसे पहले उन नंबर की जांच करते जिन नंबरों पर पेटीएम लिंक है वहां से पेटीएम खाते की जानकारी ले लेते। फिर उन नंबरों की जांच करते जिन पर आधार कार्ड लिंक हो। उन खातों से आधार कार्ड की जानकारी ले लेते। उसके बाद सारे दस्तावेज तैयार कर बैंक में ऑनलाइन फर्जी खाता खुलवा देते और पेटीएम खातों के एटीएम भी बनवा लेते। बाद में खातों को ठगी करने वाले जालसाज लोगों को 3 हजार से 3500 रुपये में बेच देते। यदि इन पेटीएम खातों के एटीएम कार्ड जारी करा लिए जाते थे तो फिर 8000 से 10000 रुपये में बेचते थे। ठगी करने वाले जालसाज फर्जी कॉल करके लोगों से ठगी का काम करते थे। आरोपियों ने एक-दो अन्य जगह भी वारदातों को अंजाम दे रखा है जिनकी जांच की जा रही है। ---PTC News---


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