शिमला का प्रसिद्ध इंडियन कॉफी हाउस, जिसकी कॉफी के पहले प्रधानमंत्री से लेकर वर्तमान प्रधानमंत्री भी हैं मुरीद
पराक्रम चन्द : शिमला: हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के मॉलरोड पर स्थित इंडियन कॉफी हाउस कई ऐतिहासिक पलों का गवाह रहा है। ये कॉफ़ी हाउस उतना ही पुराना है जितनी की हिमाचल प्रदेश की सियासत। यहाँ कॉफी पीने के लिए सुबह से शाम तक लोगों की भीड़ लगी रहती है। बुद्धिजीवी इस कॉफ़ी हाउस में घंटो बैठकर राजनीति से लेकर सामाजिक चर्चाएं करते है। अन्य रेस्टोरेंट में आप लंबे समय तक नहीं बैठ सकते। लेकिन इंडियन कॉफ़ी हाउस में भले ही आप एक कॉफ़ी पिएं लेकिन दिन भर बैठ सकते हो। ये सेवानिवृत्त कर्मियों की भी पसंदीदा जगहों में से एक हैं। जहाँ दोस्तों सहित गप्पें लड़ाने के लिए वह यहाँ आते हैं।
बता दें कि देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की भी ये पसंदीदा जगह थी। इतना ही नहीं इंदिरा गांधी और लालकृष्ण आडवाणी भी इसके मुरीद रह चुके हैं। वहीं देश के वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी इस कॉफी हाउस से विशेष लगाव है। अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई यहां अक्सर आते थे। अंग्रेजों के जमाने से ही इंडियन कॉफी हाउस सियासतदानों के लिए पंसदीदा जगह रहा है। उस जमाने में बड़े-बड़े अंग्रेज अधिकारी और रसूख वाले लोग ही यहां पर आया करते थे। इंडियन कॉफी हॉउस के मुरीदों की फेरहिस्त काफी लंबी है।
इंडियन कॉफ़ी हाउस भारत में एक रेस्तरां श्रृंखला है, जो श्रमिक सहकारी समितियों की एक श्रृंखला द्वारा चलती है। कॉफी हाउस के दुनिया भर में 400 मजबूत हाउस हैं। कहा जाता है कि इंडियन कॉफी हाउस शिमला के संस्थापकों ने इसे शुरू करने के लिए अपनी पत्नियों के आभूषण बेच दिए थे। 1957 में संस्थापकों ने अपने प्रतिष्ठित स्थान पर ये कॉफ़ी हाउस खोला। वे केवल 1968 में संस्था के लिए 85,000 रुपये की लागत से संपत्ति के लिए सक्षम थे। आज ये बहुत बड़ी श्रृंखला है।
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