पत्रकार सिद्दीक कप्पन जेल से हुए थे रिहा, हाथरस गैंगरेप में हिंसा फैलाने की साजिश रचने का था आरोप
हाथरस कांड में हिंसा फैलाने के आरोप में गिरफ्तार किए गए केरल के पत्रकार सिद्दीक कप्पन की जेल से रिहाई हो गई है। सिद्दीक कप्पन 2 साल 3 महीना 26 दिन जेल में बिताने के बाद आज लखनऊ जेल से रिहा हुए। 5 अक्टूबर 2020 को मथुरा टोल प्लाजा से सिद्दिकी कप्पन समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया गया था।
कप्पन पर PFI से कनेक्शन और हाथरस कांड में हिंसा फैलाने का आरोप था। हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच से बीते 23 दिसंबर को सिद्दीकी कप्पन को ED के मनी लॉड्रिंग केस में जमानत मिली थी। सुप्रीम कोर्ट ने कप्पन को सशर्त जमानत दी थी। उन्हें यूपी जेल से छूटने के बाद अगले 6 हफ्तों तक दिल्ली में रहना होगा, इसके बाद वो केरल जा सकेंगे।
जेल से छूटने के बाद हर सोमवार को कप्पन को पुलिस स्टेशन में हाजिरी देनी होगी। उन्हें अपना पासपोर्ट भी सरेंडर करने को कहा गया। कप्पन UAPA, आईटी अधिनियम, भारतीय दंड विधान की विभिन्न धाराओं के तहत गिरफ्तार किया गया था। उस वक्त कप्पन कथित रूप से हाथरस में लड़की के साथ गैंगरेप और मर्डर की घटना को कवर करने जा रहे थे।
हाथरस में 20 साल की एक दलित लड़की के साथ कथित तौर पर गैंगरेप के बाद हत्या कर दी गई थी। पुलिस का आरोप था कि कप्पन का इरादा वहां जाकर अशांति फैलाना था। यूपी पुलिस का आरोप है कि सिद्दीक कप्पन और उसके साथ गिरफ्तार अन्य व्यक्ति प्रतिबंधित पीपुल्स फ्रंट ऑफ इंडिया और उसकी छात्र शाखा कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया के मेंबर्स हैं। कप्पन ने आतंकी फंडिंग जैसे अन्य आरोपों से इनकार किया था। उनका कहना था कि वो सिर्फ अपनी पत्रकारिता कार्य से हाथरस जा रहा थे।
- PTC NEWS