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कुमारी सैलजा का प्रदेश सरकार पर बड़ा आरोप- जनता को गुमराह करने के लिए सरकार करती हैं झूठी घोषणाएं, हर 20 किमी पर नहीं है महिला कालेज !

कुमारी सैलजा ने दावा किया कि प्रदेश में 184 सरकारी और 97 एडिड कालेज हैं। इन कालेजों में लेक्चरर्स के 7986 पद स्वीकृत है। इनमें से 3358 पदों पर ही नियमित लेक्वचरर्स हैं जबकि 2058 पदों पर गेस्ट और एक्सटेंशन लेक्चरर्स ही कार्यरत है यानि 4465 पद आज भी खाली है

Reported by:  PTC News Desk  Edited by:  Baishali -- February 24th 2025 01:56 PM
कुमारी सैलजा का प्रदेश सरकार पर बड़ा आरोप- जनता को गुमराह करने के लिए सरकार करती हैं झूठी घोषणाएं, हर 20 किमी पर नहीं है महिला कालेज !

कुमारी सैलजा का प्रदेश सरकार पर बड़ा आरोप- जनता को गुमराह करने के लिए सरकार करती हैं झूठी घोषणाएं, हर 20 किमी पर नहीं है महिला कालेज !

ब्यूरो: अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि एक ओर सरकार नई शिक्षा नीति इसी सत्र से लागू करने जा रही है तो दूसरी ओर प्रदेश के सरकारी और मान्यता प्राप्त कालेज लेक्चरर की कमी से जूझ रहे हैं। अधिकतर जगहों पर अतिथि प्राध्यापकों और एक्सटेंशन लेक्चरर्स से काम चलाया जा रहा है। प्रदेश के कालेजों में करीब 50 प्रतिशत प्राध्यापकों के पद रिक्त पड़े हुए है ऐसे मे सरकार जानबूझकर शिक्षा को गर्त में पहुंचा रही है, अगर युवाओं का भविष्य सुरक्षित रखना है तो सरकार को शिक्षा पर ध्यान देते हुए सभी रिक्त पदों पर भर्ती करनी चाहिए ताकि उच्च शिक्षा के लिए प्रदेश के युवाओं को दूसरे राज्यों की ओर पलायन न करना पड़़े।  दूसरी ओर हर 20 किमी पर छात्राओं के लिए कालेज की घोषणा भी न जाने कब की पानी पी चुकी है।  झूठी घोषणाएं कर सरकार जनता को गुमराह न करें।


शिक्षा के नाम पर गुमराह करती आई है सरकार- सैलजा

कुमारी सैलजा ने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार शिक्षा के नाम पर युवाओं को गुमराह करती आ रही है, नई शिक्षा नीति के नाम पर भी सरकार युवाओं के साथ खेल खेल रही है। जब सरकारी और मान्यता प्राप्त कॉलेज में शिक्षक नहीं है, इंफ्रास्ट्रक्वचर नहीं है तो ऐसे में नई शिक्षा नीति के भी कोई मायने नहीं है। एक RTI के माध्यम से खुलासा हुआ है कि प्रदेश के सरकारी और एडिड कालेजों में लेक्चरर्स के 50 प्रतिशत पद खाली पड़े हुए है। प्रदेश में 184 सरकारी और 97 एडिड कालेज हैं। इन कालेजों में लेक्चरर्स के 7986 पद स्वीकृत है। इनमें से 3358 पदों पर ही नियमित लेक्वचरर्स हैं  जबकि 2058 पदों पर गेस्ट और एक्सटेंशन लेक्चरर्स ही कार्यरत है यानि 4465 पद आज भी खाली है। उन्होंने कहा कि 97 एडिड कालेजों में 39 प्रिसिंपल तक नहीं है। एडिड कालेज में जो सेवानिवृत हो गया उसके स्थान पर भर्तियां तक नहीं हो रही है।

कुमारी सैलजा ने कहा कि सरकार ने स्वयं माना है कि प्रदेश के कालेजों में 749 अंग्रेजी के लेक्चरर्स नहीं है। इसी प्रकार कॉमर्स के 450, भूगोल के 479, गणित के 396, भौतिक विज्ञान के  323, हिंदी के 317, वनस्पति विज्ञान के 166, रसायन विज्ञान के  402, इतिहास के  189, कंप्यूटर सांइस के 221, शारीरिक शिक्षा के 127 और मनोविज्ञान के 125 पद खाली पड़े हुए है। कुमारी सैलजा ने कहा कि इतने खाली पदों से अंदाजा लगाया जा सकता है कि प्रदेश के कालेज में शिक्षण कार्य कैसे चल रहा होगा और विद्यार्थियों को कैसे कैस परेशानी उठानी पड़ रही होगी। उच्च शिक्षा के लिए प्रदेश के युवा दूसरे राज्यों की ओर पलायन कर रहे है जो सरकार के लिए सबसे ज्यादा शर्मनाक है। 

कुमारी सैैलजा ने कहा कि सरकार शिक्षा के नाम पर जनता को गुमराह करती आ रही है, पहले कहा था कि हर बीस किमी पर महिला कालेज खोला जाएगा पर ऐसा हुआ नहीं, ऐसे में लड़किया उच्च शिक्षा ग्रहण नही कर पाती और बारहवीं के बाद उनकी पढ़ाई छूट जाती है। सरकार को अपना वायदा पूरा करते हुए शिक्षा क्षेत्र में सुधार करते हुए सभी रिक्त पदों को भरना चाहिए ताकि विद्यार्थी उच्च शिक्षा के लिए दूसरे राज्यों की ओर पलायन न करे और लड़कियों की पढ़ाई बीच में न छूटे।

- With inputs from agencies

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