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मैनपुरी: ट्रेन एक्सीडेंट में गंवाए दोनों पैर और एक हाथ, तीन उंगलियों से लिखकर पास की UPSC की परीक्षा

मैनपुरी: अगर दिलों दिमाग में कुछ कर दिखाने का जज्बा हो तो कोई भी कठिनाई हमें मंजिल तक पहुंचने से रोक नहीं सकती. ऐसा एक बार फिर से सिद्ध हो गया है. दरअसल, ट्रेन हादसे में दोनों पैर और एक हाथ गंवा देने वाले सूरज तिवारी ने यूपीएससी की परीक्षा पास कर ली है और दुनियाभर में कभी हिम्मत न हारने का संदेश दिया है.

Written by  Shagun Kochhar -- May 25th 2023 12:17 PM
मैनपुरी: ट्रेन एक्सीडेंट में गंवाए दोनों पैर और एक हाथ, तीन उंगलियों से लिखकर पास की UPSC की परीक्षा

मैनपुरी: ट्रेन एक्सीडेंट में गंवाए दोनों पैर और एक हाथ, तीन उंगलियों से लिखकर पास की UPSC की परीक्षा

मैनपुरी: अगर दिलों दिमाग में कुछ कर दिखाने का जज्बा हो तो कोई भी कठिनाई हमें मंजिल तक पहुंचने से रोक नहीं सकती. ऐसा एक बार फिर से सिद्ध हो गया है. दरअसल, ट्रेन हादसे में दोनों पैर और एक हाथ गंवा देने वाले सूरज तिवारी ने यूपीएससी की परीक्षा पास कर ली है और दुनियाभर में कभी हिम्मत न हारने का संदेश दिया है.


मैनपुरी के सूरज ने कर दिखाया कमाल

23 मई को जब संघ लोकसेवा आयोग ने सिविल सेवा परीक्षा 2022 का परिणाम घोषित किया तो उत्तर प्रदेश के मैनपुरी के कस्बे कुरावली के रहने वाले सूरज तिवारी के घर में खुशियों की लहर दौड़ पड़ी. यूपीएससी की परीक्षा पास करना अपने आप में ही एक बहुत बड़ी उपलब्धि है, लेकिन सूरज तिवारी और उसके परिवार के लिए ये सिर्फ एक उपलब्धि से कईं बढ़कर थी. 

2017 में ट्रेन हादसे का शिकार हुए थे सूरज तिवारी

जानकारी के मुताबिक, साल 2017 की 20 जनवरी सूरज तिवारी दिल्ली से अलीगढ़ जा रहे थे. इसी दौरान सूरज तिवारी ट्रेन एक्सीडेंट का शिकार हो गए. जब आंख खुली तो उनकी दुनिया बदल चुकी थी, वो दिन उनके जीवन का सबसे काला दिन था. क्योंकि सूरज अपने दोनों पैर, दाहिना हाथ और बाएं हाथ की दो अंगुलियां हादसे में गवां चुके थे. तकरीबन छह महीने तक सूरज का इलाज चला, उसके बाद घर लौटे, लेकिन जिंदगी बेहद कठीन हो चुकी थी. वहीं सूरज के परिवार के लिए दुखों का सिलसिला यहीं खत्म नहीं हुआ. सूरज के साथ हुए हादसे के सदमे से सूरज का परिवार अभी उभरा भी नहीं था कि इसी बीच सूरज के बड़े भाई राहुल की आकस्मिक मृत्यु हो गई. भाई की मौत के बाद सूरज के परिवार में कमाने वाला कोई नहीं बचा. जिसके बाद पूरे परिवार की जिम्मेदारी सूरज के कंधों पर आ गई.

सूरज के ट्रेन हादसे के बाद भाई की मौत से टूटा परिवार

सूरज हादसे से पहले एक मोबाइल कंपनी में काम करता था इसलिए उसने अपने हुनर का इस्तेमाल किया और युवाओं को मोबाइल बनाने की तकनीक सीखना शुरू कर दिया. जिससे उसका घर चलने लगा. इसके बाद सूरज ने कभी मुडकर पीछे नहीं देखा और आगे बढ़ता चला गया. 2018 में सूरज ने जेएनयू में रूसी भाषा में दाखिला लिया. यही नहीं सूरज ने तीन उंगलियों से लिखना भी सीख लिया. इसी के साथ ही सूरज ने सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी है. 

सूरज ने पास की यूपीएससी की परीक्षा

वहीं लंबे समय से परिणामों का इंतजार कर रहे अभ्यर्थियों के दिलों की धड़कने उस वक्त तेज हो गईं जब संघ लोकसेवा आयोग ने 23 मई की दोपहर को परिणाम जारी कर दिया. वहीं सूरज ने UPSC 2022 की परीक्षा में रैंक 917 हासिल किया. सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट कर सूरज को भी बधाई. 

- PTC NEWS

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